23 साल की उम्र में चौथी रैंक के साथ बनीं IAS, 12वीं में भी थीं ऑल इंडिया टॉपर, ….

Bureaucrats Magazine - Breaking News : आईएएस-आईपीएस बनने के लिए यूपीएससी की तैयारी में दिन-रात एक कर देते हैं. लेकिन कुछ लोग सही रणनीति से तैयारी करके पहले या दूसरे प्रयास में ही न सिर्फ यूपीएससी क्रैक कर लेते हैं बल्कि टॉपर भी बन जाते हैं. ऐसी ही हैं तेलंगाना कैडर की आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल. उन्होंने महज 23 साल की उम्र में ऑल इंडिया चौथी रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर लिया था. स्मिता 2001 बैच की आईएएस हैं. तेलंगाना में उन्हें पीपुल्स ऑफिसर कहा जाता है. आइए जानते हैं आईएएस स्मिता सभरवाल की जर्नी के बारे में...

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आईएएस स्मिता सभरवाल ने साल 2000 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. वह अपने पहले प्रयास में यूपीएससी का प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर सकी थीं. लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने चौथी रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस बनने में कामयाब रहीं. उस वक्त स्मिता की उम्र महज 23 साल थी.

स्मिता सभरवाल की स्कूलिंग हैदराबाद के मेरेडपल्ली के सेंट एंस से स्कूली शिक्षा हासिल की है. 12वीं में उन्होंने इंडिया टॉप किया था. पहली रैंक हासिल की थी. इसके बाद स्मिता ने सेंट फ्रांसिस डिग्री कॉलेज फॉर वूमन से बीकॉम किया.

आईएएस स्मिता सभरवाल सोशल मीडिया पर सबसे सक्रिय सिविल सेवा अधिकारियों में से एक हैं. सोशल मीडिया पर उनकी काफी फॉलोइंग है. ट्विटर पर उन्हें चार लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं. ट्विटर पर वह महिलाओं से जुड़े मुद्दे पर अपनी राय साझा करती रहती हैं. इसके अलावा वह इंस्टाग्राम पर भी काफी एक्टिव हैं. वह इंस्टाग्राम पर अपनी पढ़ाई के बारे में काफी कुछ शेयर करती रहती हैं. उन्होंने बताया कि वह छह घंटे पढ़ाई करती थीं और प्रेशर को दूर करने के लिए कई एक्टिविटी किया करती थीं.#bureaucratsmag

स्मिता सभरवाल मूलत: दार्जिलिंग की रहने वाली हैं. वह खुद को आर्मी ब्रैट कहती हैं. दरअसल उनके पिता पीके दास सेना में कर्नल पद से रिटायर हैं. एक आईएएस के तौर स्मिता अपने कामों के को लेकर काफी चर्चित हैं. उन्हें लोग ‘पीपुल्स ऑफिसर’ कहते हैं.

वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्ति पाने वाली पहली महिला अईएएस हैं. वह इस वक्त तेलंगाना के मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में कार्यरत हैं. वह ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के सचिव के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी संभालती हैं, जिन्हें मिशन भागीरथ विभाग भी कहा जाता है.#bureaucratsmag…

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