छत्तीसगढ़ के छोटे से बच्चे सहदेव को रातों-रात स्टार बना देने वाला गाना ‘बचपन का प्यार’ तो अभी हर किसी की जुबां पर है। आईपीएस अंकुर अग्रवाल व वृंदा शुक्ला की कहानी भी इस गाने से मिलती जुलती है। ये वो खुशनसीब शख्स हैं, जिन्होंने बचपन के प्यार को भुलाया नहीं और सदा के लिए एक-जुदे के हो गए। इस आईपीएस जोड़ी की स्टोरी पर ‘ओम शांति ओम’ का फेमस डायलॉग ‘किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है’ भी सटीक बैठता है।
वृंदा शुक्ला व अंकुर अग्रवाल की स्टोरी
इनका बचपन, सक्सेस और वर्तमान पोस्टिंग तक की पूरी कहानी किसी सुपरहिट फिल्म से कम नहीं। यूं मानिए कि यह अजब प्रेम की एक गजब कहानी है, क्योंकि इसमें बचपन का साथ है। किस्मत का कनेक्शन और युवाओं को प्रेरित करने वाली कामयाबी भी है।
आईपीएस अंकुर अग्रवाल का इंटरव्यू वन इंडिया हिंदी से बातचीत में आईपीएस अंकुर अग्रवाल कहते हैं कि मैं खुशकिस्मत हूं कि बचपन की दोस्त वृंदा शुक्ला आज मेरी पत्नी हैं। दोनों उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस हैं। वर्तमान में नोएडा में पोस्टेड हैं।
पोस्ट के लिहाज से पत्नी हैं पति की बॉस
उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारी के रूप में पोस्ट के लिहाज से वृंदा शुक्ला अपने पति अंकुर अग्रवाल की बॉस हैं। नोएडा यानी गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर में वृंदा शुक्ला डीसीपी महिला सुरक्षा और अंकुर अग्रवाल एडीसीपी सेंट्रल नोएडा के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
अंबाला के रहने वाले हैं दोनों
यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी अंकुर अग्रवाल व वृंदा शुक्ला मूलरूप से हरियाणा के अंबाला के रहने वाले हैं। यहीं पर दोनों का बचपन बीता और दोस्ती हुई, जो बाद में प्यार में बदल गई। अंकुर अग्रवाल का घर अंबाला सिटी व वृंदा का अंबाला कैंट क्षेत्र में है। दोनों ने अंबाला कैंट के कॉन्वेंट जीसस एंड मैरी स्कूल में नौवीं तक की पढ़ाई की।
फिर किस्मत ने अमेरिका में मिलाया स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वृंदा शुक्ला आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गई। अमेरिका में पढ़ाई पूरी करके वृंदा ने वहां जॉब शुरू कर दिया। इधर, इंडिया में अंकुर ने इंजीनियरिंग की डिग्री पाकर बंगलुरू की कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी शुरू की। कुछ समय बाद कंपनी ने अंकुर का अमेरिका ट्रांसफर कर दिया। इस तरह से अंकुर और वृंदा एक बार फिर साथ हो गए।
अमेरिका में ही शुरू की यूपीएससी की तैयारी अंकुर कहते हैं कि अमेरिका में मिलने के बाद वृंदा और मेरी दोस्ती और भी गहरी हो गई थी। दोनों ने वहीं पर ही नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी। फिर इंडिया लौट आए और परीक्षा दी। दोनों असफल रहे, मगर मेहनत करना नहीं छोड़ा। आखिर साल 2014 में वृंदा शुक्ला ने यूपीएससी परीक्षा पास की और इनको नागालैंड कैडर मिला।
कैडर बदलकर पति के पास आईं वृंदा वृंदा अग्रवाल के दो साल बाद 2016 में अंकुर अग्रवाल ने भी यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर डाली। अंकुर अग्रवाल को उत्तर प्रदेश कैडर मिला। आईपीएस बनने के बाद एक बार फिर दोनों के बीच दूरी बढ़ी। एक यूपी में और दूसरा नागालैंड में। ऐसे में वृंदा कैडर बदलकर नागालैंड से यूपी आ गईं। जनवरी 2020 से दोनों नोएडा में डीसीपी व एडीसीपी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
9 फरवरी 2019 को शादी अंकुर कहते हैं कि मेरी और वृंदा की सोच और जिंदगी काफी मिलती जुलती हैं। बचपन में साथ पढ़े। विदेश में साथ जॉब किया। फिर यूपीएससी की तैयारियों में जुटे और दोनों ही आईपीएस बने। इस बीच हमारी दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। हमने अपने-अपने परिवार को इस बारे में बताया। अगल-अगल जाति से थे। शुरुआत में परिजन नहीं माने, मगर फिर इजाजत दे दी। 9 फरवरी 2019 को शादी कर ली।
आईपीएस वृंदा शुक्ला की जीवनी बता दें कि वृंदा शुक्ला का शुक्ला का जन्म 13 मार्च 1989 को हरियाणा के अंबाला कैंट के आईडी शुक्ला के घर हुआ। इन्होंने बीए (अर्थशास्त्र, अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन, फ्रेंच साहित्य) तक शिक्षा प्राप्त की। 22 दिसम्बर 2018 से ये एसपी रैंक की अधिकारी के रूप में सेवाएं दे रही हैं। वर्तमान में इनका परिवार पंचकुला में रह रहा है
आईपीएस वृंदा शुक्ला की जीवनी हरियाणा के अंबाला शहर के सीपी अग्रवाल के घर 24 दिसम्बर 1988 को अंकुर अग्रवाल का जन्म हुआ। इन्होंने राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित बिट्स पिलानी से इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। ये मथुरा में एसीपी के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में नोएडा में पोस्टेड हैं।