2007 बैच के आईपीएस हैं जोगेन्द्र कुमार
2007 बैच के आईपीएस अधिकारी जोगेन्द्र कुमार सिंह मूल रूप से राजस्थान के बारमेड़ जिले के रहने वाले हैं। आईपीएस जोगेंद्र कुमार वर्तमान समय में अयोध्या के एसपी के पद पर तैनात थे, उन्हें आगरा में नये एसएसपी के रूप में तैनाती दी गई है।
मां का था ये सपना
एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने राजस्थान बाड़मेर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। उनके पिता श्रीराम पूनियां स्कूल में टीचर थे। मां गौरी देवी का सपना था कि, वह पुलिस की नौकरी में जाएं।
शिक्षक से बने पुलिस अधिकारी
वर्ष 2001 के बाद वे कॉलेजों में टीचर के पद पर काम करते रहे। 2004 के बाद उन्होंने ACTO की नौकरी ज्वॉइन कर ली। हालांकि, इस दौरान उनके मन में पुलिस की नौकरी पाने की इच्छा भी थी। इसके बाद 2006 में वे पुलिस सर्विसेस की परीक्षा में बैठे और 2007 में उन्हें बैच मिला।
तेज तर्रार छवि
आईपीएस जोगेन्द्र कुमार तेज तर्रार छवि रखते हैं। अपराधियों में उनका खौफ रहता है। उन्होंने अयोध्या में कई बड़े मामलों का पर्दाफाश किया। मऊ में एसपी के पद पर तैनात रहते हुये उन्होंने 18 अप्रैल 2012 को 15 हजार के ईनामी बदमाश धीरज सिंह और विकास सिंह को मार गिराकर एक पांच के साल के मासूम समेत 15 हजार लोगों की जान बचाई थी। ये ऑपरेशन करीब 4.5 घंटे चला था, जिसके बाद वे चर्चा में आये।
नए कप्तान का कड़ा रुख, बोले- भ्रष्टाचार पर निलंबन नहीं सीधे भेजेंगे जेल …………………………….. 2007 बैच के आईपीएस जोगेंद्र सिंह आगरा से पहले बरेली, प्रयागराज, वाराणसी समेत कई जिलों में कप्तान रह चुके हैं। सर्किट हाउस में पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद प्रेस से वार्ता में उन्होंने बताया कि एमजी रोड पर डीएम ऑफिस के पास नो एंट्री के समय में बसें चलती मिलीं। सीओ ट्रैफिक को जांच दी गई है। जिसकी भी बसें हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बताया कि अगर कोई पुलिसकर्मी रिश्वत लेते, वसूली करते पाया जाता है, उसका वीडियो मिलता है या जांच कराने पर ऐसी शिकायत सही मिलती है, तो वह उसे सिर्फ निलंबित नहीं करेंगे, केस दर्ज कराकर जेल भेज देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि निलंबन कोई दंड नहीं होता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पुलिस नहीं, अन्य महकमों की भ्रष्टाचार की शिकायतें आती हैं, तो उन पर भी कार्रवाई कराएंगे।
एसएसपी ने कहा कि थाने में आने वाले लोगों के साथ ठीक से व्यवहार हो, इसकी निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे। जहां पहले से कैमरे हैं, उन्हें 24 घंटे में ठीक कराया जाएगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इंस्पेक्टर पर कार्रवाई होगी। सात दिन की रिकार्डिंग करनी होगी। कैमरे वहां लगाने होंगे, जहां जनसमस्याओं की सुनवाई की जाती है।
एसएसपी जोगेंद्र सिंह ने पहली मीटिंग में ही संकेत दे दिए कि वह थाने और सर्किल में बदलाव करेंगे। जो सीओ और इंस्पेक्टर उनके मानक पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें हटा देंगे।
उन्होंने सीओ से इंस्पेक्टर की और एएसपी से सीओ की रिपोर्ट मांगी है। इनके बारे में एलआईयू से अलग रिपोर्ट मांगी है कि ये अधिकारी ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं।