कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपिन पुरी को केजीएमयू का कुलपति नियुक्त किया है। वह कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 3 वर्ष के लिए केजीएमयू के कुलपति रहेंगे। इस संबंध में शनिवार देर शाम आदेश जारी हो गया है। डॉ पुरी आर्म्स फोर्स मेडिकल सर्विस के डायरेक्टर जनरल रहे हैं। इन दिनों वह भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के एमेरिटस प्रोफ़ेसर हैं।
डॉ पुरी की पहचान विश्व स्तरीय पीडियाट्रिक सर्जन की है। वह करीब 20 वर्ष तक सैन्य सेवा में रहे हैं। उन्होंने सैन्य सेवा में रहते हुए पीडियाट्रिक सर्जरी से जुड़ी विभिन्न विधाओं पर कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। ऐसे में केजीएमयू मैं उनके नेतृत्व में सर्जरी से जुड़ी विधाओं को खासतौर से गत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
पुणे स्थित आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज से स्नातक लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर पुरी को सेना मेडिकल कोर में आठ दिसंबर 1979 को कमीशंड मिली थी। उन्होंने 1985 में आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज से ही जनरल सर्जरी में पीजी किया था, जबकि 1993 में चंडीगढ़ के परास्नातक इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन व रिसर्च से एमसीएच किया है।
लखनऊ के सेंट्रल कमांड और आरआर हॉस्पिटल दिल्ली में भी वह तैनात रह चुके हैं। वर्ष 2017 में उनको राष्ट्रपति ने विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किया था। जबकि जून 2016 में उनको राष्ट्रपति का ऑनरेरी सर्जन नियुक्त किया गया था।
अप्रैल माह से चल रही थी कवायद
केजीएमयू में कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट का कार्यकाल 14 अप्रैल को समाप्त हो गया था। इस दौरान कुलपति चयन की प्रक्रिया शुरू हुई। इसी बीच राज्यपाल ने प्रो भट्ट का कार्यकाल तीन माह के लिए बढा दिया था। उम्मीद थी कि कार्यकाल बढऩे के दौरान ही नया कुलपति मिल जाएगा, लेकिन योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने की वजह से चयन प्रक्रिया निरस्त कर दी गई और दोबारा आवेदन मांगे गए।
इस बीच 14 जुलाई से पीजीआई के निदेशक प्रो आरके धीमान को केजीएमयू का प्रभार दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि नई चयन प्रक्रिया में करीब 38 लोगों ने आवेदन किया। इसमें स्क्रीनिंग के बाद पांच लोगों का चयन किया गया। 3 दिन पहले राजभवन में साक्षात्कार हुआ। इसमें डॉक्टर पूरी के अलावा केजीएमयू, पीजीआई और एम्स के प्रोफेसर ने हिस्सा लिया था।