IAS Partha Sarthi Sen Sharma:Bureaucrats Magazine – Breaking News अखिलेश यादव की सरकार में पावरफुल रहे आईएएस अफसर पार्थसराथी सेन शर्मा यूपी काडर में वापस लौटने वाले हैं. भारत सरकार ने मूल काडर में उनकी वापसी का आदेश जारी कर दिया है. जबकि उनको यूपी में अब कौन सा पद मिलेगा, यह देखने वाली बात होगी.
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अखिलेश यादव की सरकार में पावरफुल रहे आईएएस अफसर पार्थसराथी सेन शर्मा यूपी काडर में वापस लौटने वाले हैं. मूल काडर में वापसी का आदेश भारत सरकार ने जारी कर दिया है. अभी तक भारत सरकार के संस्कृति विभाग में एडिश्नल सेक्रेटरी रहे पार्थ सारथी सेन शर्मा को योगी राज में कौन सा पद मिलता है, ये देखना बहुत दिलचस्प होगा. इतना ही नहीं आईएएस मुकेश मेश्राम और अनीता मेश्राम को भारत सरकार में नियुक्ति मिली है, लेकिन वे तभी जा पायेंगे जब योगी सरकार उन्हें कार्यमुक्त करे.
भारत सरकार के नियुक्ति विभाग की ओर से यूपी के तीन वरिष्ठ अफसरों के लिए तैनाती के नये आदेश जारी किये गये हैं. सबसे चर्चित नाम पार्थसारथी सेन शर्मा का है. 1994 बैच के आईएएस शर्मा की गिनती सूबे के तेज अफसरों में होती रही है. अखिलेश यादव की सरकार में वे उनके सचिव थे. 2017 में सपा की सरकार जाने और फिर भाजपा की सरकार आने के बाद भी पार्थ सारथी सेन शर्मा का जलवा कायम रहा. योगी राज में उन्हें नोएडा का सीईओ बनाया गया था. उसके बाद 2018 में वे भारत सरकार में चले गये थे. अब पांच साल से पहले ही उनके यूपी वापसी के आदेश जारी हो गये हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि शर्मा को अफसरशाही की कौन सी कुर्सी दी जाती है.
असरदार ब्यूरोक्रेट्स की बात होती है तो उत्तर प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईएएस अधिकारी पार्थ सारथी सेनशर्मा का नाम उनकी प्रशासनिक दक्षता की वजह से आ जाता है । वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है पार्थ सारथी सेनशर्मा, और भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल एंड फर्टिलाइजर में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर हैं । साथ ही उनकी जिम्मेदारी प्रोजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड के सीएमडी की भी है । दिल्ली के समृद्ध बंगाली परिवार में पार्थ सारथी सेनशर्मा का जन्म 30 जून 1970 को हुआ , बचपन से मेधावी पार्थ दिल्ली कालेज आफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट और स्लोवेनिया युनिवर्सिटी से एमबीए डिग्री धारी हैं । आईएएस अधिकारी बनने से पहले टाटा ग्रुप में इंजीनियर के तौर पर कार्य भी किया । 1994 में यूपीएससी पास करने के बाद वाराणसी में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के तौर पर पहली बार पोस्टिंग हुई। वाराणसी में पहली ही पोस्टिंग के दौरान इन्होने अपनी काबिलियत और दूरदर्शिता का परिचय दे दिया । फिर सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट इलाहाबाद , सीडीओ अल्मोड़ा और कौशांबी और कानपुर देहात के जिलाधिकारी के तौर पर भी इन्होने बेहतरीन कार्य किया। उनकी कार्य कुशलता और गवर्नेंस की क्षमता को देखते हुए राज्य में हर सरकार में इन्हे लगातार बड़ी जवाबदेही दी जाती रही । योगी सरकार हो या सपा या बसपा सभी सरकार में इन्हे बेहतर आफिसर माना । केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वे ग्रेटर नॉएडा के सीईओ थे और इससे पहले प्रदेश के रूरल डेवलपमेंट विभाग में कमिश्नर और इसी विभाग के कम्यूनिटी प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी थे । वे सपा सरकार में मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव रहे हैं । सेक्रेटरी सकेंडरी स्कूल के तौर पर इन्होने ही उत्तर प्रदेश की लोकप्रिय लैपटॉप योजना की शुरुआत की थी ।
इन्होने 2007-08 में लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ ऐडमिस्ट्रेशन इथिक इशू इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की ट्रेनिंग की है।
आईएएस अधिकारी होने के साथ पार्थ सारथी सेन शर्मा चर्चित लेखक भी हैं । इन्होने “ए पैसेज एक्रास यूरोप” और ” लव – साइड बार साइड ” के साथ ही एवरी माईल ए मेमोरी ” नाम से किताबें लिखी हैं । इन किताबों में दो का हिंदी अनुवाद ” मुसाफिर हूं यारों ” और “हम है राही प्यार के” से भी आ चुके हैं ।
इनकी बहुआयामी प्रतिभा इन्हे असरदार ब्यूरोक्रेट के तौर पर स्थापित करती है।