जन्मदिन विशेष – अपने काम के लिए जाने जाते है 10 जिलों में DM रहे समीर

Bureaucrats Magazine – Breaking News- साल 2002 में यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर यूपी कैडर के आईएएस बनने वाले समीर वर्मा ने अपनी सर्विस लाइफ में मुड़कर नहीं देखा…………

Bureaucrats Magazine – लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री समीर वर्मा आईएएस 2002 को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🎉 सामाजिक कल्याण में आपका महत्वपूर्ण योगदान और नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपका समर्पण वास्तव में सराहनीय है। जैसा कि आप इस विशेष दिन को मनाते हैं, यह समावेशिता और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने में आपके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रभाव को प्रतिबिंबित कर सकता है। आपकी भूमिका लोक कल्याण और समानता के प्रति आपकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह उत्सव का दिन है और आने वाला वर्ष उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय और कल्याण को बढ़ावा देने वाली उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरा होगा। आपकी यात्रा सामाजिक सेवाओं में प्रगति और उत्कृष्टता को प्रेरित करती रहेगी। आपका जन्मदिन शानदार रहे! 🎂🎈

लखनऊ। साल 2002 में यूपीएससी का एग्जाम क्लियर कर यूपी कैडर के आईएएस बनने वाले समीर वर्मा ने अपनी ट्रेनिंग के बाद सर्विस लाइफ में कभी मुड़कर नहीं देखा। आईएएस बनने के बाद समीर वर्मा की लगभग 20 साल की सर्विस के दौरान उनकी 22 पोस्टिंग हुई, जिसमें से 10 बार वह विभिन्न जनपदों के कलेक्टर के रूप में काम कर चुके हैं। लंबे समय तक जिलों में जिलाधिकारी का चार्ज संभालने वाले समीर वर्मा का आज जन्मदिन है, उनके जन्मदिन पर खोजी न्यूज़ की विशेष रपट …….

Bureaucrats Magazine – डीएम द्वारा सभी को दिलाई गई स्वच्छता ही सेवा की शपथ…….21 नवंबर 1972 को मध्यप्रदेश राज्य में जन्म लेने वाले समीर वर्मा ने साल 2002 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अफसर के रूप में उत्तर प्रदेश में नौकरी की शुरुआत की। उत्तराखंड के मसूरी में ट्रेनिंग के बाद आईएएस समीर वर्मा को 6 अगस्त 2004 को फर्रुखाबाद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बनाया गया। लगभग 7 महीने तक फर्रुखाबाद में नौकरी करने के बाद उन्हें 16 मार्च 2005 को प्रयागराज जिले में तैनात किया गया था। प्रयागराज में समीर वर्मा 1 साल से ज्यादा वक्त तक तैनात रहे। वहां से उत्तर प्रदेश शासन ने उनका प्रमोशन करते हुए 26 अप्रैल 2006 को बरेली जनपद का मुख्य विकास अधिकारी बना दिया था। बरेली में सीडीओ के तौर पर 19 दिन काम करने वाले समीर वर्मा को 15 मई 2006 को शाहजहांपुर का सीडीओ बनाकर भेज दिया गया था।

Bureaucrats Magazine – जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई स्काउट गाइड वार्षिक परिषदीय बैठक……………….लगभग 2 महीने के कार्यकाल के बाद समीर वर्मा को पहली बार महोबा जनपद के जिला अधिकारी का जिम्मा 22 जुलाई 2006 को सौंपा गया। ठीक 11 महीने बाद 22 जून 2007 को तत्कालीन मायावती सरकार ने उन्हें महोबा की जगह हरदोई जिले में कलेक्टर बनाकर भेज दिया गया था। समीर वर्मा ने बतौर हरदोई के जिलाधिकारी जनता के बीच अपनी पहचान बनाई थी। यही वजह थी कि लगभग 2 साल वह हरदोई में डीएम के रूप में काम करते रहे। इसके बाद 12 मार्च 2008 को उन्हें हमीरपुर जिले का डीएम बनाया गया। इस जनपद में भी समीर वर्मा लगभग डेढ़ साल तक काम करते रहे। 14 अगस्त 2009 को उन्हें हमीरपुर से लखीमपुर खीरी का तो लखीमपुर खीरी के बाद मुरादाबाद और 16 अप्रैल 2012 को उन्हें वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण जिले का डीएम बना कर भेजा गया था। इसी बीच उनको ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ा लेकिन बतौर बनारस के कलेक्टर उनकी जिम्मेदारी जारी रही। ट्रेनिंग से आने के बाद आइएएस समीर वर्मा को 24 अगस्त 2012 को मथुरा तो 13 अप्रैल 2013 को कानपुर नगर का डीएम बना कर भेजा गया था।

Bureaucrats Magazine – सात IAS अफसर के तबादले – DM प्रकाश चंद श्रीवास्तव पहुंचे वेटिंग में………………………….10 महीने तक कानपुर के डीएम के तौर पर काम करने वाले समीर वर्मा को इस बार जिले की जगह विशेष सचिव पंचायत राज विभाग उत्तर प्रदेश शासन 4 फरवरी 2014 को बना दिया गया था। समीर वर्मा की कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से हो जाता है कि 2006 से शुरू हुआ, उनका कलेक्टर का कार्यकाल 8 जनपदों के बाद पंचायत राज विभाग के विशेष सचिव के पद आकर रुका। पंचायत राज विभाग में विशेष सचिव के पद पर मात्र डेढ़ महीने की पोस्टिंग के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने समीर वर्मा की कार्यशैली को देखते हुए उन्हें 26 मार्च 2014 को झांसी जिले का डीएम बना दिया। झांसी में समीर वर्मा मात्र 3 महीने काम कर पाए, 7 जून 2014 को उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले उन्हें वेटिंग में डाला लेकिन दो दिन बाद ही सिंचाई विभाग में विशेष सचिव बना दिया था।

10 जून को सिंचाई विभाग के विशेष सचिव बनने के बाद समीर वर्मा दिल्ली में डेपुटेशन पर चले गए और उन्हें वहां तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण उमा भारती का निजी सचिव बना दिया गया था। 18 जून 2014 को उमा भारती के निजी सचिव के तौर पर कार्यभार संभालने वाले समीर वर्मा लगभग 3 साल तक उमा भारती के साथ काम करते रहे। मार्च 2017 में समीर वर्मा की यूपी में वापसी हुई तो उन्हें 29 मार्च 2017 को मेरठ जिले का कलेक्टर बना दिया गया था। लगभग 10 महीने तक मेरठ में डीएम के रूप में काम करने वाले समीर वर्मा को मेरठ से हटाकर पहले सचिव गृह बनाया गया लेकिन 24 घंटे के अंदर ही उन्हें उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में 31 जनवरी 2018 को सचिव बना दिया गया था। लोक निर्माण विभाग में लगभग 4 साल तक समीर वर्मा सचिव की जिम्मेदारी बखूबी संभाल रहे थे, अब 14 अप्रैल 2022 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उन्हें समाज कल्याण विभाग में सचिव की जिम्मेदारी दी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *