UPSC success story: दिल्ली की रहने वालीं प्रियंका गोयल से मिलिए, जिन्होंने आईएएस बनने की चाह में 6 बार यूपीएससी की परीक्षा दी। हालांकि, शुरुआती चार प्रयासों में वो प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं। पांचवें प्रयास में प्री तो क्लियर हुआ, लेकिन आखिर में प्रियंका को सफलता नहीं मिली।
हरियाणा की फोगाट बहनों पर बनी फिल्म ‘दंगल’ में आमिर खान का एक डायलॉग है। इसमें वो कहते हैं- मेडल पेड़ पर नहीं उगते, उन्हें बनाना पड़ता है… प्यार से, मेहनत से, लगन से। अब दंगल चाहे कुश्ती का हो, या फिर कोई और… कामयाबी का मेडल हासिल करने में मेहनत और लगन तो लगती है। और यही बात, यूपीएससी के उन लाखों उम्मीदवारों पर भी लागू होती है, जो आईएएस-आईपीएस बनने का सपना देखते हैं। हर साल लाखों की संख्या में यूपीएससी के फॉर्म भरे जाते हैं, लेकिन इनमें से चंद लोग ही परीक्षा पास कर मेरिट लिस्ट में जगह बना पाते हैं। वजह- इस बेहद कठिन परीक्षा को पास करना आसान बात नहीं है।
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जो उम्मीदवार यूपीएससी की मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना पाते, उन्हें एक बार फिर से यूपीएससी की तैयारी शुरुआत से ही शुरू करनी पड़ती है। दिल्ली की रहने वालीं प्रियंका गोयल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। प्रियंका का सपना था कि वो एक दिन यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनें। परिवार को अपने मन की बात बताई तो माता-पिता भी प्रियंका के फैसले में उनके साथ खड़े हो गए। दिल्ली यूनिवर्सिटी के केशव महाविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रियंका यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं।
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पहले प्रयास में नहीं थी सिलेबस की जानकारी
हालांकि, पहले प्रयास में ही प्रियंका को अंदाजा हो गया कि उनकी तैयारी यूपीएससी परीक्षा के स्तर की नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहली बार जब उन्होंने परीक्षा दी, तो उन्हें सिलेबस की पूरी जानकारी ही नहीं थी। अपनी पहली कोशिश में प्रियंका प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं। इसके बाद उन्होंने अगले साल फिर से परीक्षा दी, लेकिन इस बार भी वो प्री परीक्षा से आगे नहीं बढ़ पाईं। दूसरे प्रयास में महज 0.7 नंबर कम रहने के कारण उन्हें कट-ऑफ सूची में जगह नहीं मिली। लगातार दो साल असफल रहने के बाद प्रियंका कुछ निराश हुईं।
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चार बार प्री परीक्षा भी नहीं कर पाईं पास– ऐसे वक्त में प्रियंका गोयल के माता-पिता ने उन्हें सपोर्ट किया। प्रियंका ने फिर से हिम्मत बांधी और तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी। लेकिन, यूपीएससी की मेरिट लिस्ट अभी भी प्रियंका से दूर थी। वो अपने तीसरे और चौथे प्रयास में भी प्री परीक्षा नहीं निकाल पाईं। चार असफलताओं के बाद प्रियंका ने पढ़ाई की अपनी रणनीति में बदलाव किया और तय किया कि एक बार फिर परीक्षा देंगी। इस बार प्रियंका को लग रहा था कि उनकी तैयारी सही दिशा में हैं, लेकिन तभी कोरोना वायरस महामारी में उनकी मां के फेफड़े डैमेज हो गए। इसका असर प्रियंका की पढ़ाई पर पड़ा और इस बार भी वो असफल हो गईं।
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छठे प्रयास में मिली 369वीं रैंक
अब बारी थी छठे प्रयास की और ये प्रियंका गोयल का आखिरी प्रयास भी था। इसके बाद वो यूपीएससी की परीक्षा में नहीं बैठ सकती थीं। प्रियंका ने अपनी पिछली सारी कमियों पर फोकस किया। एक बार फिर से रणनीति बदली। पुराने प्रश्न-पत्र हल किए। प्रियंका के सामने अभी नहीं, तो कभी नहीं वाली स्थिति थी। और इस बार, प्रियंका ने वो कर दिखाया, जिसका इंतजार उनके साथ-साथ माता-पिता को भी था। प्रियंका को अपने छठे प्रयास में और 2022 की यूपीएससी परीक्षा में 369वीं रैंक मिली। आईएएस अधिकारी बनने का प्रियंका का सपना पूरा हो चुका था।