Bureaucrats Magazine – Breaking News –ऐसे ही एक सिपाही का लीव लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यूपी के फर्रूखाबाद के एक सिपाही ने यह प्रार्थना पत्र अपने उच्च अधिकारी यानी सीओ (Circle Officer) को लिखा है। इस लीव लेटर का विषय है शादी करने के लिए कन्या दर्शनाथ अवकाश. छुट्टी के लिए लिखे प्रार्थना पत्र में सिपाही ने रिश्ते नहीं मिलने का मर्म बयान किया है।
Bureaucrats Magazine –पुलिस की नौकरी कितनी ही मुश्किल है यह हर कोई जानता है। यह भी सच है कि जितना जीवन का रिस्क पुलिस की नौकरी में वह शायद किसी भी नौकरी में हो। कब किस अपराधी से पुलिस की मुठभेड़ हो जाए। इसके अलावा पुलिस की नौकरी में एक जो मुश्किल बात है कि इस नौकरी में छुट्टियां ना के बराबार ही हैं। कभी किसी खास मौके पर अगर पुलिस की नौकरी करने वाले अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने की सोचें भी तो पुलिस विभाग की तरफ से छुट्टियों की अनुमति नहीं मिलती। छुट्टी नहीं मिलने के कारण भी अनेक है। स्टाफ का कम होना, सुरक्षा की दृष्टि और तमाम पुलिस विभाग की आंतरिक वजह।
Bureaucrats Magazine -सर छुट्टी दे दो अब तो उम्र भी अंतिम सीढ़ियों पर है …..
Bureaucrats Magazine –ऐसे ही एक सिपाही का लीव लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यूपी के फर्रूखाबाद के एक सिपाही ने यह प्रार्थना पत्र अपने उच्च अधिकारी यानी सीओ (Circle Officer) को लिखा है।
Bureaucrats Magazine –इस लीव लेटर का विषय है ”शादी करने के लिए कन्या दर्शनाथ अवकाश”. छुट्टी के लिए लिखे इस प्रार्थना पत्र में सिपाही ने शादी के रिश्ते नहीं मिलने का मर्म बयान किया है, लेकिन जिस अंदाज में लेटर लिखा गया है सोशल मीडिया पर लोगों को गुदगुदा रहा है।
सिपाही ने लेटर में यह भी लिखा है कि पुलिस की नौकरी लगे तीन साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक अच्छा रिश्ता नहीं मिला है। इसके साथ ही कहा है कि उम्र भी अब अंतिम सीढ़ियों पर है।
Bureaucrats Magazine –बता दें कि यूपी पुलिस के सिपाहियों की आए दिन इस तरह की वीडियो और लेटर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। कुछ वीडियो में तो सिपाही बहुत गमगीन अंदाज में अपने परिवार का दर्द बयान करते हुए छुट्टी की गुहार लगाते हैं। उनका कहना होता है कि उन्हें छुट्टियां नहीं मिलती है।
इस कारण उनका सामाजिक जीवन बे मजा हो रहा है। वह अपने परिवार और बीवी बच्चों के साथ समय नहीं बिता पाते। खैर, ऐसे मामलों में पुलिस के आला अधिकारियों को अपने मातहतों की छुट्टियों को लेकर उचित फैसले लेने चाहिए, ताकि उन्हें एमरजेंसी पड़ने पर बिना किसी रोकटोक के छुट्टी दी जा सके।