IAS अफसर के दादा-दादी ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- ‘बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति, लेकिन दो रोटी तक नहीं देते’
हरियाणा के चरखी दादरी में एक बुजुर्ग दंपति ने आत्महत्या कर ली. कहा जा रहा है कि दंपति अपने परिवार के रवैये से परेशान था. जानकारी के मुताबिक उनका पोता वर्ष 2021 बैच का आईएएस अधिकारी है
हरियाणा के चरखी दादरी में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी के दादा-दादी ने कथित तौर पर परिवार की बेरुखी से तंग आकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आत्महत्या से पहले दंपति के छोड़े गए सुसाइड नोट के आधार पर उनके एक बेटे, दो बहुओं और एक भतीजा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पुलिस ने बताया कि दंपति ने बुधवार रात को आत्महत्या की और अपने पीछे छोड़े गए सुसाइड नोट में कहा है कि उनके बेटों के पास 30 करोड़ रुपए की संपत्ति हैं, लेकिन वे दो रोटी तक नहीं देते. जानकारी के अनुसार मूल रूप से गोपी निवासी जगदीश चंद्र (78) और भागली देवी (77) अपने बेटे वीरेंद्र के पास बाढड़ा में रहते थे और उनका पोता वर्ष 2021 बैच का आईएएस अधिकारी है. पुलिस ने बताया कि बुधवार रात जगदीश चंद्र और उनकी पत्नी भागली देवी ने बाढड़ा स्थित अपने आवास पर जहरीला पदार्थ निगल लिया. उन्होंने बताया कि देर रात करीब ढाई बजे जगदीश चंद्र ने जहर खाने की जानकारी खुद पुलिस कंट्रोल रूम को दी.
परिवार की बेरुखी से तंग आकर की आत्महत्या
पुलिस ने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस को जगदीश चंद्र ने सुसाइड नोट सौंपा. उन्होंने बताया कि हालत बिगड़ने पर बुजुर्ग दंपति को पहले बाढड़ा के निजी अस्पताल ले जाया गया और हालत गंभीर होने पर उन्हें दादरी सिविल अस्पताल भेजा गया जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. सुसाइट नोट के अनुसार मृतक दंपति के बेटों के पास 30 करोड़ रुपए की संपत्ति होने के बावजूद वे उन्हें खाना नहां देते और परिवार की बेरुखी से तंग आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. अब पुलिस मामले की जांच कर रही है.
मरने से पहले पुलिस को दिया सुसाइड नोट
पुलिस को जगदीशचंद्र ने सुसाइड नोट सौंपा। हालत बिगड़ने पर बुजुर्ग दंपती को पहले बाढड़ा के प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। वहां हालत गंभीर होने के चलते उन्हें दादरी सिविल अस्पताल भेजा गया। दादरी अस्पताल में डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने गुरुवार की सुबह अस्पताल पहुंचकर पोस्टमॉर्टम के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी की। पूरे क्षेत्र में घटना को लेकर चर्चा रही।
बासी रोटी और खराब दही खाने को मिलती थी’
सुसाइड नोट में जगदीश चंद्र ने लिखा है कि मैं जगदीश चंद्र आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं। मेरे बेटों के पास बाढड़़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उन के पास मुझे देने के लिए दो रोटी नहीं हैं। मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था। 6 साल पहले उसकी मौत हो गई। कुछ दिन उसकी पत्नी ने उसे रोटी दी, लेकिन बाद में उसने गलत काम धंधा करना शुरू कर दिया। मेरे भतीजे को अपने साथ ले लिया
‘पीटकर घर से निकाल दिया’
मैंने इसका विरोध किया तो उनको यह बात अच्छी नहीं लगी। क्योंकि मेरे रहते हुए वे दोनों गलत काम नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने मुझे पीटकर घर से निकाल दिया। मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा और फिर आया तो इन्होंने मकान को ताला लगा दिया। इस दौरान मेरी पत्नी को लकवा आया और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे।
सरकार और समाज इनको दंड दे’………………………अब उन्होंने भी रखने से मना कर दिया और मुझे बासी आटे की रोटी और दो दिन बासी और खराब दही देना शुरू कर दिया। ये जहर कितने दिन खाता, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली। मेरी मौत का कारण मेरी दो पुत्रवधू, एक बेटा व एक भतीजा है। जितने जुल्म इन चारों ने मेरे ऊपर किया, कोई भी संतान अपने माता-पिता पर न करे। सरकार और समाज इनको दंड दे। तब जाकर मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। मेरी जमा पूंजी बैंक में दो एफडी और बाढड़़ा में दुकान है वो आर्य समाज बाढड़ा को दी जाए।’
चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने को मामला दर्ज……………………….इस मामले में बाढड़ा थाने में एएसआई व मामले में जांच अधिकारी पवन ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार की सुबह अस्पताल पहुंचकर पोस्टमॉर्टम के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी दोनों बुजुर्ग दंपती के शवों का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव उनके परिजनों को सौंप दिए है। पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर परिवार के ही चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने को मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले में गंभीरता से छानबीन कर रही है।