Bureaucrats Magazine – कामयाब हो चुकी शख्सियतों के संघर्ष की कहानियां हमें फिर से मेहनत और सब्र पर यकीन करने की वजह देती हैं। कामयाब होने से पहले हर शख्स, बुलंदी को छूने के लिए जी-तोड़ मेहनत करता है लेकिन मुकाम हासिल होने के बाद भी हर कोई उतनी ही शिद्दत से मेहनत करे ये जरूरी नहीं।
Bureaucrats Magazine – कामयाब हो चुकी शख्सियतों के संघर्ष की कहानियां हमें फिर से मेहनत और सब्र पर यकीन करने की वजह देती हैं। कामयाब होने से पहले हर शख्स, बुलंदी को छूने के लिए जी-तोड़ मेहनत करता है लेकिन मुकाम हासिल होने के बाद भी हर कोई उतनी ही शिद्दत से मेहनत करे ये जरूरी नहीं। आज की कहानी एक ऐसी आईएएस अफसर की जिसने कामयाब होने से पहले तो बेशक मेहनत की हो लेकिन उन्होंने मुकाम हासिल करने के बाद अपने काम/जिम्मेदारी को बेहद मेहनत और ईमानदारी से पूरा किया। मिलिए उसी आईएएस अफसर कंचन वर्मा से।कंचन वर्मा 2005 बैच की आईएएस अफसर ने अपने लगभग 19 साल के सर्विस कार्यकाल में बेहतर काम किया है।
Bureaucrats Magazine – एक नदी एवं झील का कायाकल्प करने पर उनकी परियोजना को काॅमन वेल्थ पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा में चुना गया था जिस कारण आईएएस कंचन वर्मा को सर्विस डे के मौके पर अवार्ड से नवाजा गया था। बता दें कि कंचन वर्मा ने उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा में 3 अगस्त को जन्म लिया था। कंचन वर्मा ने बी.एड और मास्टर ऑफ आर्ट्स सोशियोलॉजी विषय में किया है। कंचन वर्मा 2005 में आईएएस अफसर बनी। आईएएस कंचन वर्मा की ट्रैनिंग बरेली में 3 जून से 18 अगस्त 2007 तक हुई। उसके बाद शासन ने कंचन वर्मा को जनपद सीतापुर में 19 अगस्त 2007 को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात कर दिया, यहां पर कंचन वर्मा ने 25 अगस्त 2008 तक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर कमान संभाली।
Bureaucrats Magazine – 26 अगस्त 2008 को जनपद नोएडा में चीफ डवल्पमेंट ऑफिसर के रूप में तैनात किया गया। वह यहां पर 16 जून 2009 तक तैनात रही। उसके बाद कंचन वर्मा को जनपद बलरामपुर में 17 जून 2009 को जिला मजिस्ट्रेट के पद पर भेजा गया यहां भी लगभग एक साल तक कमान संभाली। उसके बाद 2 मई 2010 को जनपद भदोही के जिला मजिस्ट्रेट के पद पर मुकर्रर किया गया। भदोही से 2 जुलाई 2011 को तबादला कर जनपद श्रावस्ती जिलाधिकारी के पद पर भेजा गया। आईएएस कंचन वर्मा का श्रावस्ती जिला मजिस्ट्रेट के पद से ट्रांसफर कर 14 अप्रैल 2012 को फतेहपुर भेजा गया। जनपद फतेहपुर में रहते हुए आईएएस कंचन वर्मा ने परिषदीय स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रयास शुरू किया। क्षेत्र भ्रमण में जो भी परिषदीय स्कूल मिलता था उसमें कम से कम एक घंटे का समय देकर बच्चों को खुद पढ़ाती थीं।
Bureaucrats Magazine – जिले में उन्होंने परिषदीय स्कूलों के मूल्यांकन परीक्षा की परंपरा डाली। शिक्षकों की उपस्थिति सुधारने हेतु अपने स्तर से स्कूल खुलने के समय निरीक्षण किया। निरीक्षण और गुणवत्ता खराब वाले स्कूलों में कार्यरत पहली बार साढ़े तीन सौ शिक्षकों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि जारी कर ऐतिहासिक काम किया था। दोबारा गुणवत्ता परीक्षा सितंबर 2013 में कराई। इसमें गुणवत्ता खराब होने पर तीन सौ शिक्षकों पर प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्यवाही की, यह पत्रावली बीएसए कार्यालय पहुंची ही थी कि उसी दौरान आईएएस कंचन वर्मा का तबादला कर राजधानी लखनऊ में ऑन वेटिंग में भेज दिया गया।
Bureaucrats Magazine – आईएएस कंचन वर्मा को ऑन वेटिंग से विशेष सचिव यूपीआईडीसी विभाग में भेजा गया। उसके बाद लखनऊ से 25 मार्च 2014 को शासन ने तबादला कर जनपद अमरोहा के जिलाधिकारी के रूप में तैनात किया। अमरोहा जनपद में कंचन वर्मा ने कुल तीन महीने तक कार्यभार संभाला। 6 जून 2014 को ही ट्रांसफर होकर फिर दोबारा राजधानी लखनऊ में ऑन वेटिंग में भेजा। उसके बाद कंचन वर्मा के लगभग तीन बार तबादले राजधानी में ही होते रहे। शासन ने कंचन वर्मा को उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम विभाग में 10 जून 2014 को विशेष सचिव बनाया था।
उसके बाद कंचन वर्मा को इस विभाग के साथ-साथ 29 दिसम्बर 2014 को एनआरआई विभाग की भी कमान मिली। उसके बाद कंचन वर्मा को शासन ने उनके वर्क देखते हुए 16 जून 2016 को हुए चार विभाग का विशेष सचिव बनाया। इन चार विभाग की विशेष सचिव रहते हुए कंचन वर्मा को पद पर रहते 20 अगस्त 2016 को कॉमनवेल्थ एसोसिएशन ऐंड मैनेजमेंट इंटरनैशनल इनोवेशंस अवॉर्ड से पुरस्कृत किया गया। उन्हें यह पुरस्कार एक नदी और एक सूखी झील को प्राकृतिक रूप में लाने के लिए दिया गया था।
Bureaucrats Magazine – यह परियोजना कॉमनवेल्थ पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा में चुनी गई। देश की 4 परियोजनाओं में से एक थी। सिविल सर्विस-डे के मौके पर आईएएस कंचन वर्मा को पीएम अवॉर्ड दिया गया था। उन्हें एक ईमानदार अधिकारी माना जाता है।राजधानी लखनऊ से 25 अगस्त 2016 को तबादला कर शासन ने उनको जनपद मिर्जापुर के जिलाधिकारी का कार्यभार सौंपा। आईएएस कंचन वर्मा ने जनपद मिर्जापुर के डीएम के पद पर रहते हुए जनपद मिर्जापुर की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में जुट गयी। जनपद के विद्यालयों का निरीक्षण कर लगातार व्यवस्थाओं का जायजा लेती रही।
Bureaucrats Magazine – आईएएस कंचन वर्मा शिक्षिका बनकर खुद बच्चों को गणित एवं अग्रेजी पढ़ाने जाती थी। आईएएस कंचन वर्मा ने निरीक्षण के दौरान 350 शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट पेश की थी। इसके साथ-साथ विभागीय जिम्मेदारी के अलग दर्जनों गावों को खुले में शौच से मुक्त करवाने का काम किया था। उन्होंने ईंट भट्ठों पर शौचालय बनाने के बाद भी उन्हें एनओसी देने का प्रावधान किया।आईएएस कंचन वर्मा को मिर्जापुर से गाजियाबाद विभाग प्राधिकरण में उपाध्यक्ष बनाकर भेजा गया। गाजियाबाद से 8 सितम्बर 2017 को विदेशी प्रशिक्षण पर पर भेज दिया।
Bureaucrats Magazine – विदेशी प्रशिक्षण से लखनऊ में ऑन वेटिंग में कंचन वर्मा को भेजा। लखनऊ राजधानी से दोबारा 8 सितम्बर 2018 को गाजियाबाद विभाग प्राधिकरण में उपाध्यक्ष बनाकर भेजा गया। उसके बाद उनका तबादला महानिरीक्षक निबंधन के पद पर लखनऊ कर दिया गया। इसके बाद वर्तमान में उन्हें महानिदेशक स्कूल शिक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। आईएएस कंचन वर्मा का यह 21वां तबादला है।