अपाला मिश्रा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपनी डॉक्टरी की प्रैक्टिस छोड़ दी थी और उसने इस परीक्षा में सफलता हासिल की। वह ऑल इंडिया 9वीं रैंक हासिल करने में कामयाब रहीं, लेकिन अंतत: वह आईएएस अधिकारी नहीं बन पाईं। इसके बजाय, उन्होंने आईएफएस (Indian Forest Service) में चुनाव किया। यह उनकी पहली पसंद थी। उन्होंने यूपीएससी इंटरव्यू में 215 अंक हासिल किए और पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा अंक पाने वाली उम्मीदवार भी बन गईं1।
अपाला की सफलता की कहानी बहुत प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी तैयारी की रणनीति का खुलासा किया है: वह रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई करती थीं
यूपीएससी की तैयारी को छोड़कर आईएफएस में चुनाव करने का यह निर्णय उनके लिए अद्वितीय था, और यह दिखाता है कि अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अपने रास्ते को चुनने में कोई अपर्याप्त नहीं होना चाहिए।
अपाला मिश्रा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपनी डॉक्टरी की प्रैक्टिस छोड़ दी थी. वहीं, उन्हें इस परीक्षा में सफलता हासिल करने में तीन साल का समय लग गया, लेकिन अंतत: वह इस परीक्षा में ऑल इंडिया 9वीं रैंक हासिल करने में कामयाब रहीं.
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. वहीं, इस परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार इसमें सफल होने और देश प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ऐसे कई उम्मीदवार हैं, जो यूपीएससी की राह पर चलने के लिए अपने आकर्षक करियर को भी छोड़ देते हैं. ऐसी ही एक शख्स हैं अपाला मिश्रा, जो एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर थीं और उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए अपनी प्रैक्टिस छोड़ दी.
घर में हमेशा से था पढ़ाई का माहौल
दरअसल, अपाला गाजियाबाद की रहने वाली हैं, उनके पिता सेना से रिटायर्ड कर्नल हैं और उनके भाई मेजर के पद पर कार्यरत हैं. उनकी मां डॉ. अल्पना मिश्रा दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. उनके घर में शिक्षा और एकेडमिक उत्कृष्टता की हमेशा ही प्राथमिकता रही है और वह अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत गंभीर रही हैं.
डॉक्टरी छोड़ शुरू की UPSC की तैयारी
कक्षा 12वीं कक्षा के बाद, उन्होंने आर्मी कॉलेज से डेंटल सर्जरी में ग्रेजुएशन (BDS) की डिग्री हासिल की. हालांकि, वह हमेशा एक सिविल सेवा अधिकारी बनना चाहती थी, इसलिए अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
9वीं रैंक हासिल करने के बावजूद नहीं बनीं IAS
अपाला को आखिरकार 2020 की परीक्षा में ऑल इंडिया 9वीं रैंक के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास करने में तीन साल लग गए. हालांकि, वह आईएएस अधिकारी नहीं बन पाईं. यह भले ही चौंकाने वाला लगे, लेकिन यह सच है. दरअसल, वह एक आईएफएस अधिकारी बन गईं, क्योंकि यह उनकी पहली पसंद थी. उन्होंने यूपीएससी इंटरव्यू में 275 में से 215 अंक हासिल किए और इस तरह वह पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा अंक पाने वाली उम्मीदवार भी बन गईं. अपनी तैयारी की रणनीति का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि वह 7 से 8 घंटे रोजाना पढ़ाई करती थीं.