Bureaucrats Magazine – Breaking News – कई किस्से और कहानियां अक्सर प्रेरणास्पद होती हैं। बच्चों को खुशियों और सुविधाओं की देने के लिए माता-पिता मेहनत और त्याग करते हैं, लेकिन इस पिता ने अपनी बेटी के बेहतर भविष्य के लिए जिस मार्ग पर कदम रखा, वह मार्ग केवल कुछ ही लोगों के बस की बात है।
Bureaucrats Magazine –जीवन में सफलता पाने के लिए, व्यक्ति को अपने स्वयं के मार्ग को खुद ही चुनना पड़ता है। मंजिल को हासिल करने के लिए चाहे वो कितनी भी कठिनाइयों से भरपूर हो, उसे मजबूत इच्छाशक्ति के साथ निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। यूपीएससी परीक्षा में सफल होने की कहानी वो होती है, जो हर यूपीएससी उम्मीदवार को प्रेरित कर सकती है।
Bureaucrats Magazine –केरल के एर्नाकुलम में रेलवे स्टेशन पर कुली के काम करने वाले श्रीनाथ ने अपनी बेटी के जीवन की बेहतर दिशा देने के लिए अपनी पूरी जिंदगी का सफर बदल दिया। इस यात्रा के दौरान, चाहे वो कितनी भी कठिनाइयाँ आईं, उन्होंने मजबूत इच्छाशक्ति के साथ उनका सामना किया। किसी भी घटक पर, वे न कभी हिचकिचाए और न ही हारे। जानिए, कुली से IAS अधिकारी बने श्रीनाथ की सफलता की कहानी।
Bureaucrats Magazine -अपनी बेटी के लिए जीवन को बदल दिया
श्रीनाथ की आमदनी इतनी कम थी कि वह अपनी बेटी को बेहतर जीवन देने के लिए सर्वोत्तम तैयारी करने के लिए काफी पैसे नहीं जुटा सकते थे। उनके मन में हमेशा यह दुख था कि उनकी कम आय की वजह से वे अपनी बेटी के भविष्य को परिपूर्ण नहीं बना सकते। इसलिए उन्होंने कुली के काम के साथ ही सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया।
Bureaucrats Magazine -बिना किसी कोचिंग संस्थान के सहारे तैयारी
श्रीनाथ की आमदनी इतनी थी कि वह यूपीएससी कोचिंग संस्थान में जुड़ने का इस समय संभावना नहीं था। इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी को स्वयं पर छोड़ दिया। उनके पास नोट्स खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे।
वे अपनी पढ़ाई के लिए रेलवे स्टेशन पर मौजूद फ्री वाईफाई का सहारा लेते थे। पहले उन्होंने केरल लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी की और फिर यूपीएससी की तैयारी का आरंभ किया। वे ईयरफोन लगाकर स्टेशन पर ही अपने नोट्स बनाते थे।
Bureaucrats Magazine -सफलता ने बढ़ा उनका आत्मविश्वास
केरल लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफल होने के बाद, श्रीनाथ का आत्मविश्वास बढ़ गया। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा को लक्ष्य बनाया। वे तीन बार असफल हो गए, लेकिन उन्होंने हारने का नाम नहीं लिया। उन्होंने खुद पर और अपनी मेहनत पर बिल्कुल भरोसा रखा।
आखिरकार, चौथे प्रयास में ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) में सफलता पाई और एक IAS अफसर बन गए।”