उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के विशेष सचिव विशाख जी अय्यर को कानपुर नगर का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है
श्री अय्यर उत्तर प्रदेश कैडर के 2011 आईएएस बैच के हैं। उन्होंने नागरिक उड्डयन, यूपी के निदेशक के रूप में भी काम किया था
जिले की कमान एक बार फिर विशाख जी अय्यर के हाथों में होगी। पूर्व की तैनाती के दौरान वह ताबड़तोड़ कार्यवाही के लिए चर्चित रहे हैं। मरीज बनकर अस्पतालों का निरीक्षण करने से वह काफी चर्चा में आए थे।
बॉलीवुड फिल्म ‘नायक’ में एक दिन के सीएम अनिल कपूर की ताबड़तोड़ कार्रवाई और ईमानदारी भला कौन भूल सकता है? वो नायक रील लाइफ का था जबकि हम आपको मिलवा रहे हैं रियल लाइफ नायक से। नाम है आईएएस विशाख अय्यर।
पूर्व के कार्यकाल में ताबड़तोड़ कार्यवाही के लिए खासा चर्चा में रहे थे। 2011 बैच के आईएएस अधिकारी विशाख जी अय्यर कानपुर में तैनाती की शुरुआत में ही मरीज बनकर उर्सला अस्पताल पहुंच गए थे। नेत्र रोग विभाग का पर्चा लाइन में लगकर बनवाया लेकिन 45 मिनट तक डॉक्टर न आने पर खुद ही अस्पताल का निरीक्षण करने लगे।
डीएम ने अस्पताल के निरीक्षण के बाद वहीं से उर्सला के डायरेक्टर डॉ. किरन सचान को फोन लगा दिया। उन्होंने डायरेक्टर को अस्पताल की सभी अव्यवस्थाओं के बारे में बताया। जिलाधिकारी के अस्पताल में निरीक्षण की सूचना मिलते ही जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में डॉक्टर, डिप्टी डायरेक्टर और सीएमएस जिलाधकारी के पास पहुंच गए। कमियों पर डॉक्टरों की क्लास लगाई। डीएम ने सीएमएस, डिप्टी डायरेक्टर और सीएमओ को फटकार लगाई। अव्यवस्थाओं को देखते हुए डीएम ने सीएमओ से स्पष्टीकरण मांगा । नाराजगी जताते हुए व्यवस्थाओं को तत्काल प्रभाव से ठीक करने के कड़े निर्देश दिए हैं।
सैन्य क्षेत्र में जीका वायरस के बढ़ते प्रकोप को उन्होंने अपने कुशल प्रबंधन से रोकने में कामयाबी हासिल की। पीड़ित अपनी समस्या की स्थिति जान सके इसके लिए उन्होंने कलेक्ट्रेट के विजिटिंग एरिया में शिकायत ट्रैकिंग मशीन लगवाई जो आज भी लगी है। कानपुर में तैनाती से पूर्व विशाख जी मुख्यमंत्री के विशेष सचिव थे।
वह मूलतः केरल के इडुक्की के रहने वाले हैं। उन्होंने बीटेक किया है। वह वाराणसी और फर्रुखाबाद, मेरठ में सीडीओ के पद पर और चित्रकूट व हमीरपुर में जिलाधिकारी के पद पर तैनात रह चुके हैं। आइएएस विशाख अय्यर की पत्नी अपूर्वा दुबे फतेहपुर की जिलाधिकारी हैं।