आईएएस ऑफिसर गरिमा अग्रवाल की सफलता की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। वे मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की रहने वाली हैं और उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में पहले ही प्रयास में आईपीएस की रैंक हासिल की थी। लेकिन उनका लक्ष्य आईएएस बनने का था, और उन्होंने दूसरे प्रयास में आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा किया।
- बचपन से ही उच्च शिक्षा: गरिमा ने अपनी स्कूली शिक्षा खरगोन के सरस्वती विद्या मंदिर से प्राप्त की थी। वह बचपन से ही तेजस्वी और बुद्धिमान रही हैं।
- IIT Hyderabad से इंजीनियरिंग: गरिमा ने IIT Hyderabad से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने जर्मनी में अपनी इंटर्नशिप पूरी की।
- दो बार क्लियर की UPSC परीक्षा: उन्होंने साल 2017 में ऑल इंडिया 240वीं रैंक के साथ UPSC सीएसई परीक्षा उत्तीर्ण की, और बाद में आईपीएस के लिए चुनी गई। उन्होंने आईपीएस नियुक्त होने के बाद भी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करती रहीं क्योंकि वह अपने पद से असंतुष्ट महसूस कर रही थी, क्योंकि उनका सपना कहीं ना कहीं IAS बनने का था। इसलिए उन्होंने हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी में अपनी ट्रेनिंग
IAS Garima Agarwal : यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा 2023 का आयोजन इसी महीने होगा है, जिसके लिए इस साल लाखों छात्रों ने रजिस्ट्रेशन किया है. इसलिए ऐसे में यूपीएससी के उम्मीदवार वर्तमान में भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षा को पास करने के लिए चौबीसों घंटे पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में तैयारी के बीच अपने आप को मोटिवेट रखने के लिए छात्र इस परीक्षा को पास कर IAS व IPS बने पूर्व उम्मीदवारों की सक्सेस स्टोरी पढ़कर उनसे प्रेरणा ले सकते हैं. इसलिए इस कड़ी में हम यूपीएससी टॉपर आईएएस ऑफिसर गरिमा अग्रवाल की सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं, जिन्होंने आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बनने की अपनी आकांक्षा को पूरा करने के लिए अपना करियर ही बदल लिया.
जानें कौन हैं आईएएस ऑफिसर गरिमा अग्रवाल
गरिमा ने अपनी स्कूली शिक्षा खरगोन के सरस्वती विद्या मंदिर से प्राप्त की है. वह बचपन से ही तेजस्वी और बुद्धिमान रही हैं. साल 2013 में उनकी बड़ी बहन प्रीति अग्रवाल ने भी भारतीय डाक सेवा की परीक्षा पास की थी.
स्कूल से लेकर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तक, गरिमा ने अपने हर प्रयास में सफलता हासिल की है. बिजनसमैन के परिवार से आने के बावजूद, गरिमा की मानसिकता शिक्षाविदों पर बहुत अधिक केंद्रित थी. उन्होंने उसी खरगोन स्कूल में पढ़ाई की और कक्षा 10वीं में 92% और कक्षा 12वीं में 89% अंक हासिल किए थे.
गरिमा अग्रवाल ने हाई स्कूल से ग्रेजुएशन करने के बाद जेईई की परीक्षा पास की और आईआईटी हैदराबाद (IIT Hyderabad) में दाखिला लिया. गरिमा ने आईआईटी में इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद जर्मनी में अपनी इंटर्नशिप पूरी की. जर्मनी में इंजीनियरिंग इंटर्नशिप पूरी करने के बाद गरिमा भारत लौट आई और यूपीएससी परीक्षा के लिए लगभग 1.5 साल तक तैयारी की.
दो बार क्लियर की UPSC परीक्षा
उन्होंने साल 2017 में ऑल इंडिया 240वीं रैंक के साथ यूपीएससी सीएसई परीक्षा उत्तीर्ण की, और बाद में आईपीएस के लिए चुनी गई. गरिमा अग्रवाल आईपीएस नियुक्त होने के बाद भी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करती रहीं क्योंकि वह अपने पद से असंतुष्ट महसूस कर रही थीं, क्योंकि उनका सपना कहीं ना कहीं IAS बनने का था. इसलिए उन्होंने हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी में अपनी ट्रेनिंग प्राप्त करने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी
इसी का नतीजा था कि उन्होंने अगले साल 2018 में भी परीक्षा पास कर डाली और अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 40वीं रैंक प्राप्त कर अपने आईएएस बनने के लक्ष्य हासिल किया. अब गरिमा अग्रवाल तेलंगाना में सहायक जिला मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं.
आईएएस गरिमा अग्रवाल का सक्सेस मंत्र
गरिमा सलाह देती हैं कि प्रीलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू की तैयारी व्यक्तिगत रूप से नहीं बल्कि सामूहिक रूप से की जानी चाहिए. गरिमा ने कहा कि एक जैसे प्रश्न यूपीएससी प्री और मेन परीक्षा दोनों में दिखाई दे सकते हैं. इसलिए इसके परिणामस्वरूप रिवीजन की आवश्यकता है. केवल अध्ययन सामग्री एकत्रित करने से सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती; इसके लिए भी अध्ययन की भी आवश्यकता है. इसलिए आप ज्यादा से ज्यादा मॉक परीक्षा के जरिए अपनी तैयारी करें और अपनी स्पीड तेज करने के लिए प्रश्नों के उत्तर लिखने का अभ्यास करें.