Bureaucrats Magazine – आईआईएम के मैनेजर नवीन कृष्ण राय ने कम उम्र में ही वो मुकाम हासिल किया है जिसे पाने में लोगों को अक्सर कई सालों का वक्त लग जाता है…
Bureaucrats Magazine – कोई भी निर्णय लेने से पहले यह सोचना चाहिए कि वास्तव में हम चाहते क्या हैं? इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे निर्णय भय पर नहीं बल्कि साहस पर आधारित हो। यह कहना है मैनेजमेंट एक्सपर्ट व आईआईएम के मैनेजर नवीन कृष्ण राय का। नवीन ने कम उम्र में ही वह सफलता हासिल कर ली, जिसे पाने के लिए लोगों को वर्षों लग जाते हैं। उन्होंने 21 वर्ष की उम्र में एक गांव गोद ले लिया था। उनके पास सिर्फ स्नातक की डिग्री है, लेकिन वह अभी तक भारतीय राजस्व सेवा व विभिन्न प्रदेशो के हज़ारों पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सिविल जजों को मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दे चुके हैं।
Bureaucrats Magazine – जन्म से पहले पिता का देहांत, मां ने बड़ी मुश्किलों में पाला
नवीन बताते हैं कि मैं उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले के बीरपुर गांव से हूं। मेरे पिताजी आर्मी में थे और मेरे जन्म से तीन महीने पहले ही उनका देहांत हो गया। पिता के निधन के बाद मां को मिलने वाली पेंशन से ही पूरे घर का खर्च चलता था। ऐसे में किसी कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई कर पाना मुश्किल था लेकिन जवाहर नवोदय विद्यालय में दाखिला मिलने की वजह से मुझे अच्छी शिक्षा और जीवन को सही दिशा मिली। मैंने अपनी मां के संघर्ष को बचपन से देखा है। स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही एक गांव गोद लिया और उस गांव के लोगों को सरकारी स्कीम बताना शुरू किया। उत्तर प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र नौगढ़ में साल 2017 में स्कूली शिक्षा को बेहतर करने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर ‘अटेंडेंस विथ सेल्फ़ी’ अभियान की शुरुआत की जिसके तहत शिक्षकों को हर दिन स्कूल पहुंचकर खुद की सेल्फी ग्रुप में डालनी होती थी। ये अभियान सफल हुआ और बाद में इसे पहले पूरे जिले और फिर पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया गया।
Bureaucrats Magazine – विधवा महिलाओं की जिंदगी सुधारना लक्ष्य
नवीन ने बताया कि उन्हें दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं लगता है। उनकी दिली तमन्ना है कि भविष्य में वो कम उम्र में ही विधवा होने वाली महिलाओं को सबल बनाने के लिए कुछ बेहतर करें। क्योंकि उन्होंने अपनी मां के संघर्षों को देखा है। अकेली महिला के लिए अपने बच्चों को पालना और परिवार चलाना बहुत मुश्किल होता है। इच्छा है कि भविष्य में एक प्लेटफार्म तैयार कर ऐसी महिलाओं को सशक्त किया जाए जिससे वो खुद को इस संसार में अकेला और कमजोर महसूस न करें।
एक ऐसा शख़्स जिसकी हिम्मत उसकी ताक़त से बड़ी है, जो अपने बुलंद हौसले और सकारात्मक सोच की वजह से आगे बढ़ा है। जिसकी कुछ नया सीखने और अनुभव करने की तीव्र इच्छा ने उसे अलग-अलग क्षेत्र और संस्थानो की यात्रा कराई। जिसे अपने भविष्य को लेकर कभी असुरक्षा का भाव नहीं हुआ। एक ऐसा शख़्स जिसके पिता का देहांत उसके जन्म से तीन महीने पहले हो गया, जिसने अपना बचपन आभाव में बीताने के बावजूद अपनी क़ाबिलियत के बल पर कक्षा 12वी तक की पढ़ाई के लिए नवोदय विद्यालय तो इंजिनीरिंग की पढ़ाई के लिए एक सरकारी कालेज में दाख़िला लिया। वह इंजिनीरिंग में स्नातक कर लेने के बाद पारम्परिक नौकरी करने की बजाए चंदौली ज़िले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र नौगढ में सामाजिक कार्य करना चुना। जिसने 24 वर्ष की उम्र में ही विधायक प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। जिसने नौकरशाहों और राजनेताओं के साथ काम कर लेने के बाद शिक्षाविदों और मीडिया के दिग्गजों से भी सम्पर्क बढ़ाया और उनसे बहुत कुछ सीखा। उस शख़्स का नाम है नवीन कृष्ण राय, इसने अपना सफ़र उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले से शुरू कर के बहुत कम समय में अपनी हिम्मत, समझ और जूझारूपन व्यक्तित्व की बदौलत लुटियंस दिल्ली में अपनी पैठ बनाने में कामयाब रहा।
Bureaucrats Magazine – रणनीति बनाने और नेटवर्किंग में हासिल है महारत:
नवीन को शुरू से ही लोगों से मिलने-जुलने, कार्यक्रमों की योजना बनाने और अपनी हद से बाहर जाकर काम करना पसंद था। इसने अपनी इस पसंद और रुचि के कारण अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए ही नौकरशाहों के साथ मिलकर कई सामाजिक कार्यों को सफलता पूर्वक पूरा किया। वह चाहता तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई के पश्चात किसी कंपनी में अच्छी नौकरी कर सकता था। लेकिन उसने एक नौकरशाह के साथ मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करने का एक कठिन रास्ता चुना, और वहाँ अपने कार्यों से अपनी छाप छोड़ी। नौकरशाहों के साथ कार्य करने के बाद उसने राजनेता और फिर शिक्षाविद के साथ काम किया। नवीन को चुकिं अपने भविष्य के लेकर कभी असुरक्षा का भाव नहीं रहा इसलिए वह अत्यंत कम उम्र में ही समाज के अलग-अलग क्षेत्रों का अनुभव लेने में सफल रहा। वह जिस भी व्यक्ति या संस्थान के साथ काम करता वहाँ वह यह सुनिस्चित करता कि काम करने के दौरान वह कुछ नया सीख रहा हो। उसकी यह सीखने की ललक उसको निरंतर आगे बढ़ता रहा और उसकी यात्रा एक संस्था से दूसरी संस्था तक होती रही है। यही वजह है की वह अत्यंत कम समय में ही समाज के विभिन्न तरह के लोगों व क्षेत्रों में कार्य करने का अनुभव लेने में सफल रहा। हिम्मती और साहसी होने के कारण वह अपने व्यवहार में निडर और निर्भय रहा। वह किसी से मिलने या बात करने में कभी संकोच नहीं करता है। उसकी अच्छी सामाजिक समझ और अलग-अलग क्षेत्रों और व्यक्तियों के साथ कार्य करने का अनुभव और उसकी सहजता किसी भी व्यक्ति का दिल जीतने के लिए काफ़ी होती। इन विधाओं की मदद से उसे रणनीति बनाने और नेटवर्किंग में महारत हासिल है।
Bureaucrats Magazine – आईआईएम में शिक्षविदों के साथ भी किया काम:
नवीन ने बहुत ही कम उम्र में अनेक क्षेत्रों में कई उपलब्धियों को प्राप्त किया। उसने आईआईएम लखनऊ में रिसर्च असिस्टेंट के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के वाणिज्य कर विभाग के कैडर रिस्ट्रक्चरिंग के प्रोजेक्ट में काम किया और वर्तमान में वह आईआईएम इंदौर में मैनेजर गवर्नमेंट अफेयर्स एंड बिजनेस डेवलपमेंट के पद पर कार्यरत है। आईआईएम इंदौर में मैनेजर के तौर पर काम करते हुए उसने उत्तर प्रदेश पुलिस, मध्य प्रदेश पुलिस, इंदौर, लखनऊ, अयोध्या और कानपुर नगर निगमों, पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार, पंचायती राज व ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास एवं आवास विभाग व मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम मध्य प्रदेश सरकार आदि के साथ आईआईएम इंदौर के समझौता करवाने में भूमिका निभाई।
Bureaucrats Magazine – विभिन्न आईएएस अधिकारियों व राजनेताओं के साथ किया कार्य:
नवीन ने अपनी इंजिनीरिंग की पढ़ाई के दौरान ही वर्ष 2015 में गोरखपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी रंजन कुमार और मुख्य विकास अधिकारी कुमार प्रशांत के मार्गदर्शन में “रुरल यूथ लीडरशिप प्रोग्राम” की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के माध्यम से उसने गोरखपुर ज़िला के 100 चुनिंदा युवाओं को 45 दिन की लीडरशिप की ट्रेनिंग दिया। इसके पश्चात उसने वर्ष 2016 में गोरखपुर मंडल के तत्कालीन मंडलायुक्त पी गुरुप्रसाद के मार्गदर्शन में मोतीराम अड्डा गांव को गोद लेकर उसके सर्वांगीण विकास के लिए कार्य किया। उसने वर्ष 2016 में चंदौली के तत्कालीन जिलाधिकारी कुमार प्रशांत के मार्गदर्शन में जिले के नक्सल प्रभावित अति पिछड़ा क्षेत्र नौगढ़ में जाकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य शुरू किया। वहाँ उसने “अटेंडेंस विद सेल्फी” कार्यक्रम की शुरुआत की, जो शिक्षकों को उपस्थिति बढ़ाने में मददगार बना और आगे चलकर उस कार्यक्रम को जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने पूरे जनपद में लागू किया। इसके कार्यों से प्रभावित होकर इसे चंदौली ज़िले के नौगढ तहसील का ब्रांडअंबेसडर फ़ॉर डिवेलप्मेंट भी बनाया गया था। चंदौली में जिलाधिकारी कुमार प्रशांत के साथ काम करने के पश्चात नवीन ने बलिया ज़िला के बेल्थरा रोड विधानसभा के विधायक धनंजय कनौजिया के प्रतिनिधि रहते हुए राजनीति के बारिकियों को समझा।
Bureaucrats Magazine – ग़ाज़ीपुर ज़िला के हैं निवासी और नवोदय विद्यालय से की पढ़ाई:
नवीन मूलतः उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में गंगा किनारे स्थित बीरपुर गांव के रहने वाला हैं। इसका जन्म एक साधारण ही परिवार में हुआ था। इसके पिता सेना में कार्यरत थे और इसके जन्म से तीन माह पूर्व पिता के देहावसान के बाद इसका पालन-पोषण इसकी मां ने संघर्ष के साथ किया। इस प्रकार से बचपन से ही इसका पाला संघर्ष के साथ पड़ गया। प्रारंभिक शिक्षा के बाद इसने जवाहर नवोदय विद्यालय इलाहाबाद से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। इसके पश्चात गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई शुरू की। इसकी दिलचस्वी पढ़ाई के साथ अन्य कार्यों में भी बढ़ती गई। इसने अपने विश्वविद्यालय में ही सोशल इंजीनियर बोर्ड की स्थापना की जो छात्रों के व्यक्तित्व विकास के अनेक मुद्दों पर आज भी कार्य करता है।
Bureaucrats Magazine – बचपन में ही सर से उठ गया था पिता का साया:
नवीन, पिता का साया सर पर न होते हुए भी इतनी कम उम्र में इस मुकाम पर पहुंचने वाला दुर्लभ युवा है, जो राजनीति, प्रबंधन, मीडिया और ब्यूरोक्रेसी को अच्छी तरह से समझता हैं व उससे जुड़े विभिन्न लोगों से उसके घनिष्ठ सम्बंध भी हैं। वह, स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श व प्रफ़ेसर हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर को अपना गुरु मानता है। उसका मानना है कि वह आज जो कुछ भी है उसमें जवाहर नवोदय विद्यालय में मिली शिक्षा-दीक्षा का बहुत बड़ा योगदान है। नवीन, हर भारत के युवाओं के लिए एक आदर्श और प्रेरणा स्रोत है।