जन-जन की आस्था से जुड़े और देश के सबसे हाईप्रोफाइल जिले के तौर पर मशहूर पौराणिक नगरी वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा विनम्र स्वभाव के मृदुभाषी किन्तु सख्त अधिकारी हैं। प्रधानमत्री के चुनाव क्षेत्र के कारण वीआईपी कहे जाने वाले इस जिले के कर्ता-धर्ता सामाजिक ताने-बाने का ख्याल रखने के साथ ही वे विकासवादी सोच भी रखते हैं।
कौशल राज शर्मा का जन्म हरियाणा के भिवानी में एक सामान्य परिवार में हुआ। वैसे मूल रूप से उनका परिवार राजस्थान से है। मेधावी कौशल राज ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई में भी स्कॉलरशिप प्राप्त किया, वे नवोदय विद्यालय से 12वीं की परीक्षा अव्वल नंबर से पास हुए। उन्होंने रोहतक से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में बीटेक और आईआईटी दिल्ली से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में एमटेक किया। बेहद होनहार कौशल राज शर्मा ने पॉलिटिकल साइंस में एमए भी किया। सामान्य परिवार से होने के कारण वे आम लोगों की परेशानियों से अच्छी तरह वाकिफ रहे, लिहाजा उन्होंने सिविल सर्विसेज को समाज सेवा का सबसे बेहतरीन माध्यम माना और इसकी तैयारी में जुट गये। कौशल राज शर्मा का चयन 2006 बैच में आईएएस के लिए हुआ और उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला।
बतौर असिस्टेंट कलेक्टर कौशल राज बरेली में प्रोबेशनर रहे, फिर आजमगढ़ के सगड़ी तहसील में उप जिलाधिकारी और ग्रामीण विकास विभाग में सीडीओ के पद पर नियुक्त किये गये। जुलाई 2010 में कौशल राज शर्मा पीलीभीत के कलेक्टर बनाये गये। यहां करीब दो साल तक उन्होंने बेहतर कार्य किया। इसके बाद उन्हें लखनऊ में लैंड इक्विजिशन और राजस्व बोर्ड की जिम्मेदारी दी गयी। वे 2013 में मुजफ्फनगर और 2015 में प्रयागराज का डीएम भी रहे हैं। कौशल राज शर्मा को 2015 सितंबर में कानपुर का जिलाधिकारी बनाया गया। इस दौरान उन्होंने कई संवेदनशील मामले को अपनी प्रशासनिक कौशल से सफलता पूर्वक हल किया। कानपुर में विकास और स्वच्छता मिशन को आगे बढ़ाया। कानपुर से अप्रैल 2019 में उनका ट्रांसफर लखनऊ कर दिया गया। लखनऊ में ढाई साल तक जिलाधिकारी रह कर उन्होंने रिकॉर्ड बनाये। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र की योजना में समनव्य का उत्कृष्ट नमूना पेश किया। सरकार की योजनाओं को लागू करने और जन समस्या का समाधान उनकी प्राथमिकता रही। कौशल राज शर्मा ने लखनऊ ने लॉ एंड ऑर्डर में सुधार, राजधानी की स्वच्छता और सड़क पर विशेष ध्यान दिया गया। लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने वोटर्स को जागरूक करने के विशेष अभियान चलाने के साथ ही शांति पूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने में कामयाबी हासिल की ।
नवंबर 2019 में उनकी प्रशासनिक उत्कृष्टता को देखते हुए वाराणसी का जिलाधिकारी बनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से इसपर विश्व भर की मीडिया का ध्यान लगा रहता है और प्रदेश के साथ-साथ केंद्र सरकार का भी, अतः इनकी जिम्मेदारी बहुत बढ़ गयी। बाबा विश्वनाथ की नगरी में पहुंचते ही उन्होंने वाराणसी को मॉडल जिला बनाने और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को सही तरीके से लागू करने के लक्ष्य पर जोर दिया। देव दिवाली और गंगा आरती के भव्य आयोजन करवाने के साथ ही सामाजिक सौहार्द को बनाये रखने पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट, पर्यटन, स्वच्छता, कॉरीडोर और फ्लाईओवर को प्राथमिकता में रखा। कोरोना काल में भी वे बेहद सजग जिलाधिकारी की भूमिका में हैं| जिले में उनके नेतृत्व में जागरूकता, केंद्र और राज्य सरकार के गाइंडलाइंस का पालन , क्वारंटाइन सेंटर की सुव्यवस्था और संक्रमितों के इलाज की खास व्यवस्था की गयी है।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में यूपी के हाई प्रोफाइल वाराणसी जिले के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ‘कर्तव्यनिष्ठ’ श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।