नम्रता गांधी, छत्तीसगढ़ कैडर की 2013 बैच की आईएएस अफसर हैं। वे मूलतः महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में सेकेंड अटेम्प्ट में ही 42 वीं रैंक हासिल की और देश की यह सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा उत्तीर्ण की है। वर्तमान में वे धमतरी जिले की कलेक्टर हैं . उन्होंने अपने प्रोफेशनल यात्रा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और वे अपने क्षेत्र में अच्छे प्रशासनिक काम कर रही हैं।
आईएएस नम्रता गांधी छत्तीसगढ़ कैडर की 2013 बैच की आईएएस अफसर हैं। वे मूलतः महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। जनता की सुविधाओं के लिए नित नए प्रयोग करने वाली नम्रता गांधी अपने विद्यार्थी जीवन में पढ़ाई में बहुत ही कुशाग्र रहीं। अपने अकादमिक जीवन में उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। आइए जानते हैं उनके बारे में…
जन्म और परिवार:–
नम्रता गांधी छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस 2013 बैच की आईएएस अफसर हैं। महाराष्ट्र के मुंबई की रहने वाली नम्रता गांधी का जन्म 1 फरवरी 1989 को हुआ है। उनके पिता का नाम हेमेंद्र गांधी और माता का नाम मीता गांधी है। उनके पिता का बिजनेस है और नम्रता एक व्यापारिक घराने से ताल्लुकात रखती हैं।
नम्रता गांधी ने मुंबई के गोपी बिड़ला स्कूल से सीबीएसई बोर्ड से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। इसके बाद उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई से राजनीति विज्ञान से बीए की डिग्री ली। ग्रेजुएशन में नम्रता ने मुंबई यूनिवर्सिटी में दूसरा रैंक हासिल किया था। शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा नम्रता एक्स्ट्रा कैरीकुलम गतिविधियों में भी सक्रिय रहीं थीं। उन्होंने मुंबई के अलावा चेन्नई, ढाका ( बांग्लादेश) में विभिन्न वाद– विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लिया था।
ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद नम्रता ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की मुख्य परीक्षा के लिए उन्होंने अपना वैकल्पिक विषय राजनीति विज्ञान ही रखा। ग्रेजुएशन में नम्रता ने पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स से किया था इसलिए उन्हें यह विषय चुनना तैयारियों के हिसाब से मुफीद लगा। हार्ड वर्क एवं बेहतर रणनीति के साथ तैयारी करते हुए यूपीएससी 2011 में अपने प्रथम प्रयास में 600 रैंक प्राप्त किया और इंडियन पोस्टल सर्विस के लिए चुनी गईं। 2012 में अपने दूसरे प्रयास में नम्रता गांधी ने 42 वीं रैंक लाकर यूपीएससी उत्तीर्ण कर लिया और आईएएस के लिए चुनी गईं।
नम्रता गांधी ने यूपीएससी 2012 क्रैक किया और 2013 बैच की आईएएस बनीं। नम्रता को छत्तीसगढ़ कैडर अलॉट हुआ। नम्रता ने आईएएस की सर्विस 2 सितंबर 2013 को ज्वाइन की। उन्हें फील्ड पोस्टिंग के लिए राजनांदगांव में सहायक कलेक्टर के तौर पर पहली पोस्टिंग मिली। जिसके बाद अविभाजित बिलासपुर जिले के गौरेला– पेंड्रा–मरवाही अनुविभाग की एसडीएम बनीं। फिर वे कांकेर, सरगुजा व धमतरी जिला पंचायत की सीईओ रहीं।
नम्रता गांधी गरियाबंद व जीपीएम जिलों की कलेक्टर रहीं। गरियाबंद कलेक्टर बनने पर पारदर्शी प्रशासन हेतु नम्रता गांधी ने बड़े बदलाव किए थे। जिसके तहत कलेक्टर के चेंबर का दरवाजा कभी बंद नहीं होता था। कलेक्ट्रेट में पदस्थ सभी कर्मियों को सुबह 10:30 बजे कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर राष्ट्रगान के लिए उपस्थित होना होता था। इसमें सभी अधिकारी कर्मचारियों को अनिवार्य तौर पर उपस्थित होना होता था जिससे उनमें देश प्रेम की भावना तो बढ़े ही साथ ही वे समय के पाबंद हो। कलेक्टर नम्रता ने अपना नंबर कलेक्ट्रेट के गेट पर चस्पा कर दिया था। जिससे आमजनता उन्हें आसानी से अपनी समस्याएं बता पाएं। हफ्ते में वे तीन दिन अनिवार्य तौर पर दफ्तर में बैठ कर फरियादियों की समस्याओं का समाधान करती थीं।
धमतरी से पूर्व नम्रता गांधी संचालक आयुष एवं संचालक पेंशन के पद पर थी। वर्तमान में जनवरी 2024 से नम्रता गांधी धमतरी जिले की कलेक्टर हैं। धमतरी के भखारा नगर पंचायत में पेयजल की समस्या को देखते हुए उन्होंने भखारा नगर पंचायत व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ योजना बनाकर गंगरेल नहर से सिलघट तक पानी पहुंचाने की योजना बनाई।
गंगरेल नहर के पानी को सिलघट एनिकट के पास नगर पंचायत के इनटेक वेल के माध्यम से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाकर वाटर ट्रीटमेंट करते हुए पिछले दिनों से भखारा नगरवासियों को पेयजल आपूर्ति शुरू करवाई गई। इस तरह कलेक्टर नम्रता गांधी की दूरदर्शिता से नगर पंचायत क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही पेयजल समस्या का समाधान हो गया।