जय-वीरू की जोड़ी यूपी की ब्यूरोक्रेसी में अब ये तस्वीर बनी चर्चा की वजह,

 Bureaucrats Magazine – जय-वीरू की जोड़ी -80 के दशक में नई दिल्ली में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और यूपीएससी परीक्षा की साथ-साथ तैयारी करने वाले आईपीएस आनंद कुमार और प्रशांत कुमार की एक तस्वीर चर्चा में है. ये तस्वीर 1 फरवरी की है जब यूपी के डीजीपी की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रशांत कुमार अपने जिगरी दोस्त डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार से मिलने उनके दफ्तर पहुंचे थे. 31 दिसंबर को ही योगी सरकार ने प्रशांत कुमार को डीजी लॉ ऑर्डर, डीजी ईओडब्लू के साथ डीजीपी जिम्मेदारी सौंपी थी.

  • जिम्मेदारी मिलते ही प्रशांत कुमार ने पहला फोन अपने जिगरी दोस्त आनंद कुमार को ही किया था और अगले ही दिन वे आनंद कुमार के दफ्तर पहुंचे थे. डीजीपी पद के लिए प्रशांत और आनंद दोनों की मज़बूत दावेदारी थी.

 Bureaucrats Magazine – सूत्रों की मानें तो डीजीपी की जिम्मेदारी मिलते ही प्रशांत कुमार ने पहला फोन अपने जिगरी दोस्त आनंद कुमार को ही किया था और अगले ही दिन वे आनंद कुमार के दफ्तर पहुंचे थे. डीजीपी पद के लिए प्रशांत और आनंद दोनों की मज़बूत दावेदारी थी. दोनों की ये दोस्ती 80 के दशक में परवान चढ़ी जब ये नई दिल्ली में ग्रेजुएशन कर रहे थे.

 Bureaucrats Magazine – एक ही कमरे में रहकर पढ़ाई
दोनों बिहार से ताल्लुक रखते थे, लिहाज़ा दोनों में खूब पटती थी, एक ही कमरे में रहकर पढ़ाई और यूपीएससी की तैयारी करने के दौरान दोनों के संबंध और गाढ़े हो गए. आनंद कुमार 1988 में आईपीएस बने तो प्रशांत कुमार 1990 में. आनंद कुमार को यूपी कैडर मिल गया तो वहीं प्रशांत कुमार तमिलनाडु कैडर के लिए चुने गए. 1994 में प्रशांत कुमार ने भी अपना कैडर उत्तर प्रदेश करवा लिया, लेकिन नियमों के चलते उन्हें अपने बैच में सबसे जूनियर बनना पड़ा।

 Bureaucrats Magazine – यूपी के बेहतरीन और तेज तर्रार आईपीएस अफसरों में गिनती
समय के साथ-साथ इन दोनों की गिनती यूपी के बेहतरीन और तेज तर्रार आईपीएस अफसरों में होनी लगी. 2017 में यूपी की राजनीति ने करवट ली और लंबे अंतराल के बाद यूपी में बीजेपी की सरकार आई और योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने. अपराध और अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए एक अघोषित एनकाउंटर पॉलिसी भी बन गई. इस पॉलिसी को जमीन पर उतारने का जिम्मा भी इन दोनों दोस्तों को मिला.

 Bureaucrats Magazine – योगी सरकार में बेहतर परफॉरमेंस
योगी सरकार पार्ट वन में आनंद कुमार मेरठ के एडीजी बने और अपराधियों पर सख़्त कार्यवाही शुरू की जिससे खुश होकर चंद महीनों में ही योगी सरकार ने आनंद कुमार को यूपी का एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बना दिया तो वहीं आनंद के बाद एडीजी मेरठ की कमान प्रशांत कुमार को सौंपी गई. प्रशांत कुमार ने भी एडीजी मेरठ के तौर पर बेहतरीन काम किया। उधर आनंद जब डीजी पद पर प्रमोट हुए तो पीवी रामा शास्त्री एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बनाए गए. रामा शास्त्री के डीजी बनते ही प्रशांत कुमार को यूपी का एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया. जिसके बाद प्रशांत कुमार यूपी का लॉ एंड ऑर्डर सबसे लंबे समय तक संभालने वाले अफसर बने. योगी सरकार ने प्रशांत कुमार को स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर और डीजी लॉ एंड ऑर्डर भी बनाया.

 Bureaucrats Magazine – DGP की रेस में दोनों थे शामिल
डीजीपी विजय कुमार का रिटायरमेंट 31 जनवरी 2024 को होना था, लिहाज़ा नए डीजीपी के पद के लिए सीनियर अफसरों के बीच दौड़ और होड़ शुरू हो गई. ज़ाहिर सी बात है कि इसमें आनंद और प्रशांत भी थे, लेकिन सरकार के सबसे भरोसेमंद प्रशांत कुमार सरकार की पहली पसंद बने.

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