Bureaucrats Magazine – Breaking News-आईएएस सौम्या पांडेय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) शहर की निवासी हैं। इनकी पढ़ाई भी प्रयागराज से ही हुई थी। पढ़ने में वे काफी होशियार रही हैं। उन्होंने 10वीं में 98 फीसदी और 12वीं में 97.8 प्रतिशत अंकों के साथ अपने जिले में टॉप किया था।12वीं के बाद सौम्या ने इंजीनियरिंग की फील्ड चुनी थी। सौम्या ने साल 2015 में MNIT से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है।
Bureaucrats Magazine – Breaking News-यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाने वाले हर उम्मीद की कहानी बेहद बेहद अहम होती है। आज, हम सक्सेस स्टोरी कॉलम एक ऐसी अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अक्सर अपने काम को लेकर चर्चा में रहती हैं। उनके काम के प्रति लगन और उत्साह को देखकर हर कोई उनकी खूब तारीफ करता है। हम बात कर रहे हैं, आईएएस अफसर सौम्या पांडेय की। दरअसल, एक बार एक बुर्जुग की समस्या सुनने के लिए वे जमीन पर नीचे बैठ गई थीं। अफसर का यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर आया तो लोगों ने उन्हें खूब सराहा था। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
आईएएस सौम्या पांडेय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) शहर की निवासी हैं। इनकी पढ़ाई भी प्रयागराज से ही हुई थी। पढ़ने में वे काफी होशियार रही हैं। उन्होंने 10वीं में 98 फीसदी और 12वीं में 97.8 प्रतिशत अंकों के साथ अपने जिले में टॉप किया था।
MNIT से ली है बीटेक की डिग्री
बारहवीं के बाद सौम्या ने इंजीनियरिंग की फील्ड चुनी थी। सौम्या ने साल 2015 में एमएनएनआईटी प्रयागराज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। वह बीटेक में गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। हालांकि, वे इस फील्ड में आगे नहीं बढ़ीं।
शुरू की UPSC की तैयारी
सौम्या पांडेय ने इंजीनियरिंग के बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की राह चुनी। उन्होंने इसके लिए पूरी रणनीति के साथ तैयारी की थी। इसका नतीजा यह हुआ था कि उन्होंने पहले प्रयास में ही परीक्षा क्रैक कर ली थी। हालांकि, उन्होंने केवल यह एग्जाम क्रैक नहीं था, बल्कि अटूट मेहनत, लगन और पढ़ाई की सही स्ट्रैटजी के चलते टॉप किया था। उन्होंने चौथी रैंक हासिल की थी।
कोरोना काल में सौम्या खूब रहीं थी चर्चा में
सौम्या पांडेय कोरोना काल में भी खूब चर्चा में रहीं थीं। दरअसल, कोविड के दौरान वे अपनी 22 दिन की बेटी को लेकर ऑफिस काम निपटाने पहुंच गई थी। इसको लेकर भी लोगों ने उनकी काफी तारीफे की थीं।