अडानी ग्रुप की कंपनियों पर लगे हेराफेरी के आरोपों पर चर्चा और सरकार की जवाबदेही को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने शुक्रवार को भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया। सरकार ने गुरुवार को इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दी, सांसदों को सवाल नहीं पूछने दिया। अडानी के मुद्दे पर सरकार फंस कर रह गई है। अभी तक उसने कोई बयान नहीं दिया। अडानी और पीएम मोदी के संबंधों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी हमेशा मुखर रहे हैं। राहुल गांधी आरोप लगा चुके हैं कि मोदी सरकार को अडानी-अंबानी चला रहे हैं। सरकार ने इस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में विपक्षी दलों की बैठक के बारे में बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, विपक्षी दलों ने संसद भवन में विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष खड़गे जी के कक्ष में सुबह बैठक की। मांग हमारी वही है कि केवल एक स्वतंत्र जांच ही एलआईसी, एसबीआई और अन्य संस्थानों को प्रधानमंत्री द्वारा अडानी समूह में निवेश करने के लिए मजबूर किए जाने से बचाएगी।
लोकसभा में कांग्रेस व्हिप मनिकम टैगोर ने पूछा है कि पीएम मोदी हिंडनबर्ग रिपोर्ट की वजह से अडानी को लेकर उठे सवालों का जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री जी संसद में इसका जवाब क्यों नहीं दे रहे? 6 दिनों में 8,76,524,0000000 का नुकसान हुआ।
आप नेता संजय सिंह और केसीआर की भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी लोकसभा स्पीकर को हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अडानी पर चर्चा कराने के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इनके अलावा सपा, डीएमके, आईयूएमएल समेत कई क्षेत्रीय दलों के सांसदों ने भी नोटिस दिया है।
उधर, लोकसभा और राज्यसभा में आज शुक्रवार का जो एजेंडा जारी किया गया है, उसमें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सांसद संबोधित करेंगे। शुक्रवार सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीजेपी सांसदों को बजट 2023 के बारे में सारी जानकारी दी और बताया कि सवाल पूछे जाने पर उन्हें विपक्ष को क्या जवाब देना है।
हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी समूह एक स्टॉक में खुलेआम हेरफेर करने और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल था। हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी समूह भारत को व्यवस्थित तरीके से लूट रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च के इस आरोप पर अदानी समूह ने कहा है कि दुर्भावनापूर्ण, निराधार, एकतरफा और उनके शेयर बिक्री को बर्बाद करने के इरादे ऐसा आरोप लगाया गया है। इसने कहा है कि अडानी समूह आईपीओ की तरह ही फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफ़र यानी एफ़पीओ ला रहा है और इस वजह से एक साज़िश के तहत कंपनी को बदनाम किया जा रहा है। हालांकि बाद में अडानी ने वो एफपीओ भी वापस ले लिया। अडानी के शेयर उसके बाद लगातार गिर रहे हैं। कई शेयर में लोअर सर्किट लग चुका है। अभी तक समूह को कई अरब रुपये का नुकसान हो चुका है। गौतम अडानी अमीरों की सूची में लगातार लुढ़कते जा रहे हैं। जब पिछली बार खबर आई थी तो वो 15वें नंबर पर चले गए थे।