लोगों की मदद करने के लिए यह बेटी बन गई आईएएस, अब यूपी में लहरा रहीं कामयाबी का परचम आईएएस अधिकारी नेहा शर्मा

अपने हौसले और जूनून से अपनी कामयाबी की इबारत लिख रही हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी नेहा शर्मा। ‘जीत की खातिर जूनून चाहिए’ जीवन के इस मूलमंत्र के साथ नेहा अपने सपनों को जनता की सेवा करके पूरा कर रही हैं। 2010 बैच की आईएएस अधिकारी नेहा शर्मा जिस जिले में भी जाती हैं लोग उनको अफसर बिटिया के नाम से पुकारते हैं। छत्तीसगढ़ की बेटी उत्तर प्रदेश में अपने हुनर से अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही है। आइए जानते हैं नेहा शर्मा अमरावंशी के सफर के बारे में…

शक्ति: 2010 बैच की आईएएस हैं नेहा शर्मा

; आईएएस अधिकारी नेहा शर्मा 

  • नाम- नेहा शर्मा अमरावंशी
  • जन्म-13 जनवरी 1984
  • स्थान- कोरिया जिला, छत्तीसगढ़
  • पिता- डॉ आर. के. शर्मा
  • माता-डॉ रजनी शर्मा
  • पति- दर्पण अमरावंशी
  • भाई- बहन- संकल्प शर्मा और निष्ठा शर्मा ( नेहा सबसे बड़ी हैं )
  • शिक्षा- प्रारंभिक पढ़ाई सिंधिया स्कूल, ग्वालियर
  • स्नातक- मिरांडा हाउस, दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • स्नातकोत्तर- दिल्ली कॉलेज ऑफ इकोनॉमिक्स
  • बैच-2010, उत्तर प्रदेश कैडर



    नेहा शर्मा अमरावंशी के जीवनसाथी दर्पण अमरावंशी आईआरएस अधिकारी हैं।महिलाओं ने हर मैदान में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है,अगर हौसलों के साथ संकल्प लिया जाए तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती है, बस जरूरत है मजबूत कदमों के साथ आगे बढते रहने की
    – नेहा शर्मा
    बचपन से ही कुछ कर दिखाने का सपना देखा करती थी- नेहा शर्मा
    बचपन से ही कुछ कर दिखाने का सपना नेहा देखा करती थीं, घर में भी इस तरह का माहौल नेहा को मिला जिसमें ‘कुछ करने का जज्बा’ शामिल था। पड़ने लिखने में नेहा शुरू से ही अव्वल रहीं, इसलिए आगे की पढ़ाई के लिए भी रास्ते अपने आप खुलते चले गए।
     
    ‘हम सबका कर्तव्य है अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाएं’

    एक अधिकारी के बनने की कहानी उसके अपने घर से शुरू होती है, बस यह तय करना होता है कि आपके सपनों का मानचित्र कैसे बनाना है।  

    आज मैं जो भी हूं मेरे माता -पिता की वजह से हूं पर अपनी हर कामयाबी का श्रेय अपनी मां को देती हूं
    -नेहा शर्मा

    ‘जीत की खातिर जूनून चाहिए’ – नेहा शर्मा

    शक्ति: आईएएस अधिकारी नेहा शर्मा

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    कुछ कर दिखाने के सपने जरूर देखने चाहिए मगर उससे भी ज्यादा जरूरी है उन पर मजबूत इरादों के साथ काम करने की।   

    कोई भी व्यक्तित्व तभी सम्पूर्ण हो सकता है जब उसमें साहस के साथ संवेदनशीलता हो
    – नेहा शर्मा

    अपने हौसले से कामयाबी की इबारत लिख रही हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी नेहा शर्मा

    शक्ति: आईएएस अधिकारी नेहा शर्मा

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    नेहा बताती हैं कि छत्तीसगढ़ का कोरिया जिला, जहां की नेहा हैं वहां शिक्षा के अच्छे इंतजाम नहीं थे, इसलिए माता-पिता ने आगे की शिक्षा के लिए उन्हें ग्वालियर के बोर्डिंग स्कूल सिंधिया में भेज दिया। नेहा ने 12वीं तक की पढ़ाई वहीं से पूरी की। बाद में आगे की शिक्षा के लिए वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस गईं।  

    नेहा शर्मा अमरावंशी के जीवनसाथी दर्पण अमरावंशी आईआरएस अधिकारी है।

    शक्ति: आईएएस अधिकारी नेहा शर्मा

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    शक्ति: आईएएस अधिकारी नेहा शर्मा –

    नेहा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी दिल्ली में ही रहकर की, और 2010 में उनका सिलेक्शन यूपीएससी में हो गया, नेहा ने ऑल इंडिया में 66वीं रैंक हासिल की। नेहा अपने बहन-भाईयों में सबसे बड़ी हैं और उनके लिए आदर्श भी हैं, उनकी छोटी बहन निष्ठा शर्मा उनके मार्गदर्शन में प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रही है।    

    आईएएस नेहा शर्मा की सबसे पहली पोस्टिंग बागपत में बतौर एसडीएम के पद पर हुई

    शक्ति: आईएएस अधिकारी नेहा शर्मा

    लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में ट्रेनिंग के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला, आईएएस नेहा शर्मा की सबसे पहली पोस्टिंग बागपत में बतौर एसडीएम के पद पर हुई।

    • साल 2013-  एसडीएम कानपुर सदर
    • साल 2014 – 2015 – उन्नाव में सीडीओ के पद पर कार्यरत रहीं।
    • साल 2017 -पहली बार डीएम पद का कार्यभार फिरोजाबाद में संभाला।

    अपने फिरोजाबाद के कार्यकाल में नेहा ने फिरोजाबाद के सौंदर्यकरण पर जमकर काम किया, उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान के तहत मुहिम का संचालन बखूबी किया और इसका असर फिरोजाबाद की सड़कों पर और शहर में दिखाई भी दिया। शहर की दीवारों को पेंटिंग में बदल दिया जिसकी प्रशंसा दिल्ली तक हुई।

    नेहा शर्मा को बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं के लिए सम्मानित भी किया गया, उन्होंने अपने डीएम कार्यकाल में इस पर खूब काम किया।

    हम सबके अंदर शक्ति है, जरूरत है संकल्प लेकर आगे बढ़ने की- नेहा शर्मा

    शक्ति: आईएएस अधिकारी नेहा शर्मा

    नेहा के पति दर्पण अमरावंशी आईआरएस अधिकारी हैं और उनकी दो बच्चें हैं जिनमें एक पांच साल की बिटिया पोएम और बेटे का जन्म इसी साल हुआ है।

    बचपन में लोगों की मदद करने की इच्छा और सीख ने नेहा को आईएएस बनने के लिए प्रेरणा दी। उनके मुताबिक वो हमेशा से लोगों की मदद करना चाहती हैं और वह जनता के बीच रहकर उनके दुख दर्द को सुनकर उनका निवारण करना चाहती हैं। जनसेवा और देशसेवा नेहा के जीवन का मकसद है और भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में आने की सबसे बड़ी प्रेरणा भी।

    उनका मानना है कि अपनी समस्या लेकर अगर कोई आपके दरवाजे पर आए तो उसका निराकरण होना चाहिए, और फरियादी खाली हाथ, निराश नहीं लौटना चाहिए।  

    महिलाओं में पूर्ण व्यक्तित्व होता है, संवेदनाएं भी होती हैं और कुछ कर दिखाने का जूनून भी
    -नेहा शर्मा


    शक्ति के लिए संदेश देते हुए नेहा ने कहा, हिम्मत से सपने देखिए, उनको मजबूती के साथ पूरा कीजिए। कमजोर सोच से डरकर कभी भी अपना रास्ता मत बदलिए क्योंकि जीत आपकी हिम्मत और हौसलों से होती है। मजबूत संकल्प हर सपने को पूरा कर सकता है।  

    हम सबके अंदर शक्ति है, जरूरत है संकल्प लेकर आगे बढ़ने की

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