DM साहब हों तो ऐसे! 3 महीने में ही निपटा दिए 42 हजार मुकदमे, आखिर कैसे?

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Bureaucrats Magazine – यूपी के बस्ती जिले में एक आईएएस अधिकारी ने एक चैलेंज लिया और महज तीन महीने के अंदर ही 42 हजार मुकदमे निपटा दिए. उनकी सख्ती और अफसरों के काम की पूरी रिपोर्ट के चलते ही उन्होंने इस गोल को अचीव किया है. उनके इस काम की सभी जगह जमकर तारीफ हो रही है.

Bureaucrats Magazine -कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल काम आसान हो जाता है, इस बात को उत्तर प्रदेश के एक आईएएस ने कर के दिखाया है. आईएएस का नाम है आंद्रा वामसी जो कि इन दिनों बस्ती जिले मे तैनात हैं. आंद्रा वामसी ने राजस्व मुकदमों के निस्तारण को लेकर एक ऐसी मिसाल कायम की है कि हर कोई उनकी तारीफ करते थक नहीं रहा है. जिलाधिकारी ने ज्वाइन करते ही राजस्व मुकदमों को एक चैलेंज के तौर पर लिया और कुछ दिनों के अंदर तहसीलों में चल रहे राजस्व संबंधित 42 हजार मुकदमों को निस्तारित कराकर एक रिकॉर्ड कायम किया है.

Bureaucrats Magazine -बस्ती जिले के डीएम अंद्रा वामसी ने जनपद की चारों तहसील के एसडीएम, एडीएम, मुख्य राजस्व अधिकारी, चकबंदी सहित प्रशासन के सभी कोर्ट को साफ तौर पर निर्देश जारी कर दिया था, कि एक साल से पुराने सभी मुकदमों का निस्तारण तत्काल करना शुरू करें. डीएम के आदेश के बाद अफसरों ने अपना काम ईमानदारी से करना शुरू कर दिया और 48 हजार फाइलो में से तीन महीने में 42 हजार मुकदमों का निपटारा किया गया. नई और पुरानी फाइल मिलाकर 18250 केस सुनवाई में लगे हैं. डीएम का सख्त निर्देश है कि सभी पेंडिंग मुकदमों को जल्द से जल्द निस्तारित किया जाना है ताकि जिले में विवादों के मूल जड़ को खत्म किया जा सके.

Bureaucrats Magazine –डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि उनका लक्ष्य है कि प्रशासनिक न्यायालयों में जितने भी मुकदमे पिछले कई साल से विचाराधीन है उनकी हर रोज कोर्ट के माध्यम से सुनवाई जा रही रहे, और जल्द से जल्द उन मुकदमों का फैसला भी कर दिया जा रहा है. अभी तक के आंकड़ों के अनुसार 48 हजार केस पंजीकृत है जिन पर सालों से तारीख पर तारीख लग रही थी. उन्होंने इस बात की जानकारी होते ही सबसे पहले अपने सारे अधिकारियों को निर्देश जारी किया कि अभियान चलाकर निर्धारित दिन कोर्ट में बैठे और मुकदमों को सुने. साथ ही उन में जल्द से जल्द फैसला भी सुनाया जाए.

Bureaucrats Magazine – रेपिड सुनवाई का नतीजा बेहद ही आकर्षक रहा और तीन महीने में इस अभियान के तहत लोगों को तारीख से निजात मिली. 42 हजार मुकदमे निस्तारित हो गए जिसका सीधा फायदा लाखों परिवारों को हुआ और गांव में पनपने वाले बेवजह से विवादों में कमी आई है. कोर्ट में दर्ज आज के आंकड़े बेहद ही संतोषजनक हैं और पुलिस व प्रशासन को काफी राहत भी मिली है. अब जरूरत है कि डीएम के इस मॉडल की शुरुवात पूरे प्रदेश में भी की जानी चाहिए ताकि बड़े बड़े विवाद की जड़ को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके. तेजी से मुकदमों के निस्तारण की डीएम की इस पहल की सराहना हर तरफ हो रही है.

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